scriptसरकार की नजर में आने से फिर रह गई शिवना | Shivna left again in the eyes of the government | Patrika News

सरकार की नजर में आने से फिर रह गई शिवना

locationमंदसौरPublished: Jan 22, 2020 11:17:26 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

सरकार की नजर में आने से फिर रह गई शिवना

सरकार की नजर में आने से फिर रह गई शिवना

सरकार की नजर में आने से फिर रह गई शिवना

मंदसौर.
इसे जिले के जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति का अभाव कहे या फिर अधिकारियों में, लेकिन शिवना नदी सरकार द्वारा बनाए गए नदियों के एक्शन में प्लान में शामिल होने से फिर रह गई। जबकि पिछले दिनों इप्को की टीम ने यहां आकर सर्वे किया और रिपोर्ट भी तैयार की। अनेक बार हो चुके सर्वे तो कई बार डीपीआर भी बन चुकी, लेकिन इच्छाशक्क्ति का अभाव कहे या गंभीर प्रयासों का अभाव पर जनआस्था का केंद्र शिवना नदी के शुद्धिकरण के लिए तमाम प्रकार के बने प्रोजेक्ट पर तो एक कदम भी नहीं बढ़ रहा है, लेकिन अब सरकार की निगाहें भी विश्वप्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ के समीप स्थित शिवना नदी पर नहीं पड़ी और सरकार के प्रदेश की २२ नदियों को शुद्ध करने के एक्शन प्लान में शिवना नदी शामिल नहीं हो पाई।
पूर्व सीएम ने की थी घोषणा पर सरकार बदली तो योजना भी ठंडे बस्तें में गई

दो दशक से शिवना शुद्धिकरण बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अनेक आंदोलन से लेकर अभियान चले तो घोषणाओं के साथ दावे हुए लेकिन नदी अब तक उसी स्थिति में है। जनआस्था का केंद्र शिवना के शुद्धिकरण पर नेताओं के वादों और प्रशासनिक अफसरों के दावें अब तक सफल नहीं हुए है। बिना सिवरेज के नदी में गंदा पानी मिलने से रोका नहीं जा सकता, लेकिन करीब २०० करोड़ का सिवरेज प्रोजेक्ट भी सालों से दफ्तरों में फाईलों में ही घुम रहा है। शिवना सहित जिले की एक भी नदी सरकार के इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हुई। वर्ष २०१८ में विधानसभा चुनाव के पूर्व तत्तकालीन सीएम शिवराजसिंह चौहान ने शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट के लिए साढ़े १२ करोड़ की राशि की घोषणा भी की थी, लेकिन सरकार बदली तो योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

शुद्धिकरण की मुहर कोई नहीं लगवा पाया
शिवना को शुद्ध करने के लिए शहर के सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हर स्तर से मांगे को उठाते हुए आ रहे है तो जलसत्याग्रह से लेकर तमाम तरह के आंदोलन व मुहिम भी चली। यहां सफाई के लिए अनेको बार श्रमदान अभियान भी चले, लेकिन नालों के मिल रहे पानी और शुद्धिकरण के प्रोजेक्ट पर इन तमाम संगठनों के प्रयासों व जनआस्था के इस मुद्दें पर शुद्धिकरण की मोहर कोई नहीं लगवा पाया है। इसी कारण शिवना अब भी प्रदूषण मुक्त होने का इंतजार कर रही है।

सीएम से मिलकर रखेंगे मांग
२६ जनवरी के बाद भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री से मिलकर इस मांग को उनके सामने रखेंगे। नपा ने जो प्रोजेक्ट तैयार किया उसकी भी जानकारी देंगे और पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र सहित जो भी बेहतर हो सकता है। उसके लिए मंजूरी की मांग रखेंगे।-हनीफ शेख, नपाध्यक्ष

सरकार के सामने उठाएंगे मामला
सरकार के सामने इस मामले को उठाएंगे। शिवना जनआस्था का मुद्दा है। मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखूंगा। नपा ने भी डीपीआर बनाई है। तत्तकालीन सीएम ने साढ़े १२ करोड़ की राशि की घोषणा की थी। सरकार बदलने के बाद इस पर काम नहीं हुआ तो सिवरेज प्रोजेक्ट भी यथावत है। -यशपालसिंह सिसौदिया, विधायक

क्षेत्र की सभी नदियों को जोड़े सरकार
संसदीय क्षेत्र में चंबल, शिवना, मलेनी, रेवा से लेकर कई प्रमुख नदियां है। सरकार अपने इस अभियान में सभी नदियों को जोड़े। इससे क्षेत्र में विकास के साथ सिंचाई के अलावा अन्य अवसर भी तैयार होंगे। शिवना लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है। इसे प्राथमिकता से लेकर शुद्धिकरण किया जाना चाहिए। उचित फोरम पर इसके लिए काम करुंगा।-सुधीर गुप्ता, सांसद
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो