तो हो जाएगा आवागमन अवरुद्ध
शिवना में पानी बढऩे के साथ छोटी पुलिया के ऊपर से पानी गुजरता है। ऐसे में सीतामऊ की और जाने वाले वाहनों की आवागमन बंद हो जाता है। सीतामऊ फाटक पर टी-आकार का ब्रिज नहीं बनने के कारण छोटी पुलिया होकर वेकल्पिक मार्ग से प्रतिदिन ३० हजार से अधिक लोग और १० हजार से अधिक दो व चारपहिया वाहनों सहित यात्री वाहनों की आवाजाही होती है। इनका आवागमन पानी आने पर प्रभावित हो जाता है। पिछले चार सालों से ब्रिज का काम चल रहा है, लेकिन इस बार और लोगों को यही परेशानी झेलना पड़ेगी।
रेलवे के कारण हो रही देरी, लोग झेल रहे परेशानी
ओवरब्रिज निर्माण को चार साल का समय पूरा हो गया है। फिर भी अब तक काम अधूरा है और एक साल का समय अनुमानित रुप से और लगेगा। रेलने ने फाटक क्षेत्र के ६० मीटर के अपने हिस्से का काम शुरु करने में ही लंबा समय लगा दिया। इसी कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई। सेतु विभाग ने अपने हिस्से का काम पूरा कर इस पर रतलाम-मंदसौर के बीच टै्रफिक शुरु भी करवा दिया। लेकिन रेलवे की लेटलतीफी के कारण सीतामऊ की और बनने वाली टी का काम अधूरा पड़ा है। इसका खामियाजा प्रतिदिन ३० हजार से अधिक लोग भुगत रहे है।
200 बसें, 500 से अधिक गांव प्रभावित
मंदसौर शहर में प्रवेश करने से पहले सीमामऊ फाटक पर ब्रिज के इस प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। यहां से जिले की सीतामऊ, गरोठ, भानपुरा, शामगढ़, सुवासरा तहसील मुख्यालय तक रास्ता जाता है। ऐसे में इन तहसीलों के साथ करीब ५५० गांव भी शामिल है। इस तरह प्रतिदिन हजारों लोग इसके कारण प्रभावित हो रहे है। काम अधूरा होने से वैकल्पिक मार्ग होते हुए शिवना की छोटी पुलिया से गुजर रहे वाहनों को बारिश होते ही आवागमन बंद हो जाएगा।
मंदसौर शहर में प्रवेश करने से पहले सीमामऊ फाटक पर ब्रिज के इस प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। यहां से जिले की सीतामऊ, गरोठ, भानपुरा, शामगढ़, सुवासरा तहसील मुख्यालय तक रास्ता जाता है। ऐसे में इन तहसीलों के साथ करीब ५५० गांव भी शामिल है। इस तरह प्रतिदिन हजारों लोग इसके कारण प्रभावित हो रहे है। काम अधूरा होने से वैकल्पिक मार्ग होते हुए शिवना की छोटी पुलिया से गुजर रहे वाहनों को बारिश होते ही आवागमन बंद हो जाएगा।
9 माह का लगेगा समय
रेलवे अपने हिस्से पर काम कर रहा है। उन्होंने ६ माह की अवधि बताई है। इसके बाद बची हुई स्लेब डालने के कारण काम पूरा करने में विभाग को ३ माह लगेंगे। ऐसे में कम से कम ९ माह का समय अब इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगेगा। -प्रवीण नरवरे, एसडीओ, सेतु विभाग