और न हीं समूह का कर्ज भरने की जरुरत है। संघर्ष समितियां पंचायत से लेकर हर मोहल्लें में बनाई जाए और जो बिजली काटने आए, उन्हें घेर लो। साथ ही जो समूह की वसूली करनें उनका भी घेराव करों और जो पार्टी के लोग वोट मांगने आए उन्हें हाथों में झाडू उठाओं और झाड़ दो। यह आह्वान पूर्व मुख्यमंत्री ने जिले के साथ प्रदेश की महिलाओं से किया। २३ को होने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ के दौरे को लेकर कहा कि हमने यहां आकर इतना गदर मचाया कि अब उन्हें आना पड़ रहा है। बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत के काम की मॉनीटरिंग के लिए उन्होंने मंडल, विधानसभा व पंचायत स्तर पर कमेटी बनाने की बात भी कही। १
कमलनाथ से की जनता के दर्द को समझने की अपील
जनता की मांगों को लेकर चौहान व अन्य नेताओं ने कलेक्टर मनोज पुष्प को मंच पर ही ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि सीएम से अपील की है कि बाढ़ पीडि़तों का दर्द समझो। जो सर्वे आपका प्रशासन कर रहा हूं वह भी मनमर्जी का। कोई घर नहीं जा रहा है। प्रभावितों को 25 हजार रुपए नगद, ५ लीटर मिट्टी का तेल, ५० किलो गेंहू की सहातया तत्काल दें। साथ ही नुकसानी का सर्वे करवाकर जितना नुकसान हुआ, उतनी राहत दे दो। जनता ईमानदार है, सर्वे कर पूछो तो सही सब सही बताएंगे। जनता बेईमान नहीं है। जिन विद्यार्थियों की किताबें, कॉपियां बह गई, उन्हें फिर निशुल्क किताबें दें। जब तक फिर से मकान बनकर तैयार हो, तब तक अस्थाई शेड बनाकर इनकी व्यवस्था करें। फसल नुकसानी को लेकर कहा कि सर्वे की जरुरत नहीं, ४० हजार पर हैक्टेयर से मुआवजा दिया जाए। किसानों के पास कुछ बचा नहीं ऐसे में रबी के लिए खाद बीज निशुल्क दिया जाए।