मंदसौर जिले के दलोदा के लिए मुख्यमंत्री चौहान करीब 2 बजे बाद पहुंचे। मंदसौर से वे सड़क के रास्ते से दलौदा में भावांतर योजना में किसानों को होने वाले भुगतान के लिए आयोजित किसान सम्मेलन में आए है। यहां सीएम का विरोा कुछ मांग के साथ करने के लिए राजपुत करणी सेना व प्रताप सेना के करीब 100 कार्यकर्ता पहले से खडे़ थे। इनको मनाने के तमाम प्रयास विफल हो गए थे।
इनको भी लौटा दिया था असल में करणी सेना को मनाने भाजपा जिलाध्यक्ष देवीलाल धाकड़ से लेकर कलेक्टर व मुख्यमंत्री तक प्रयास करते रहे, लेकिन उनको इसमे सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद तय किया गया की करणी सेना के सदस्य मुख्यमंत्री को अपनी मांग के लिए जो ज्ञापन देना चाहते है, वो देने दिया जाए। जब सीएम हैलिपेड पर आए तो उनको इस बारे में बता दिया गया। इसके बाद तय हो गया की सीएम करणी सेना से आमने-सामने की बात मिलकर करेंगे।
एक पल में बदल दिया नजारा जब सीएम चौहान दलौदा के रास्ते में थे तब करणी सेना ने अपनी मांग के लिए जमकर नरेबाजी करते हुए ज्ञापन लेने की बात कही। सीएम ने भी अपने काफिले को रोकने के लिए कह दिया। इसके बाद प्रतापसेना व करणी सेना ने नयाखेड़ा में सीएम चौहान को कहा की उनको छात्रावास के लिए भूमि की जरुरत है। इस पर सीएम ने कहा की इसके लिए ज्ञापन की क्या जरुरत है। ये तो अधिकार है, तुरंत मंजूर की जाती है। इसके बाद जो नारे मांग को लेकर लग रहे थे, वह एक पल में मुख्यमंत्री चौहान के लिए लगने लगे।
पहुंच गए दलौदा में आयोजन स्थल पर मंदसौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दलोदा किसान सम्मेलन में पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद सीएम ने कन्या पूजन किया। विधायक, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री चौहान को साफा पहनाया। इसके अलावा सीएम हेल्थ योजना का लाभ लेकर स्वस्थ हुई बालिका जोया का सम्मान सीएम ने किया।