जुगाड़ की मशीनों के साथ उठे हजारों हाथ तो स्वच्छ दिखने लगी शिवना
शिवना के महाअभियान में ट्रैक्टरों से लेकर डंपर व जेसीबी से लेकर पोकलेन मशीनों के साथ ही पानी से गाद निकालने के लिए जुगाड़ की क्रेशर मशीन भी शिवना में लगाई गई। इसके साथ ही पानी में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों भी इनके सहारे लगाई। इससे गाद व मिट्टी निकालने के साथ पानी से गंदगी को हटाया गया। संसाधनों के साथ हजारों श्रमदानियों के हाथ उठे और अभियान को गति मिली और १२ जून तक चलने वाले इस महाअभियान का दौर अंतिम चरण में पहुंचा तो शिवना का आंचल साफ दिखने लगा। श्रमदानियों के उत्साह व श्रम से मां शिवना फिर से स्वच्छ दिखने लगी और मंदिर के समीप क्षेत्र में साफ पानी लबालब भरा दिख रहा है। अब बचे हुए दो दिनों में भी श्रमदानियां गाद व मिट्टी बाहर निकालने का काम करेंगे।
सभी का संकल्प बदलें शिवना का स्वरुप
सराफा व्यापारी नरेंद्र मेहता ने कहा कि हम सभी का संकल्प है कि शिवना का स्वरुप बदलना चाहिए। पिछले दिनों जो श्रम शहरवासियों ने यहां किया है उसका नतीजा भी मंदिर क्षेत्र में दिखने लगा है। सभी की सहभागिता इसी तरह रही तो जल्दी नदी फिर से प्रवाहमान होगी।
शिवना को पुराने स्वरुप में लौटाने के लिए करना होगा श्रम
लफ्टर क्लब के अध्यक्ष पीआर ज्ञानी ने कहा कि आज के इस श्रमदान करने के लिए कंबल केंद्र का समस्त स्टॉफ एवं अधिकारी इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी भगवान पशुपतिनाथ के चरणों में तगारी उठाकर जयघोष के साथ सम्मिलित हुए। सभी के चेहरे पर बहुत खुशी थी उनके श्रम के कारण मां शिवना अपने पुराने रूप में शीघ्र आएगी यही संकल्प लिए हर व्यक्ति श्रमदान कर रहा है।
हम सभी की पहचान शिवना से है
कृष्णपालसिंह शक्तावत ने कहा कि भगवान पशुपतिना और मां शिवना शहर सहित जिलेवासियों की पहचान है और हमें हमारी पहचान के लिए जितना भी श्रम करना हो वह करना पड़ेगा। इस बार शिवना शुद्धिकरण से लेकर गहरीकरण के अभियान में जो उत्साह दिखा है उससे यह तय है कि आने वाले दिनों में शिवना फिर से प्रवाहमान होगी।
सहभागिता से बदल रहा नदी का स्वरुप
निर्मला श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन और सामाजिक संगठनों की सहभागिता से शिवना शुद्धिकरण को नित नए आयाम मिल रहे हैं। मातृशक्ति और जन-जन बड़ी संख्या में श्रमदान करने शिवना तट पर पहुंचकर किया जा रहा श्रमदान से नदी का स्वरुप बदल रहा है। श्रम से नदी का रुप निख रहा है। पहले से साफ और स्वच्छ होती जा रही है। शिवना प्रवाहमान होकर बहती रहे, हम सभी इसके लिए दृढ़ संकल्पित है।