ऐसे में उनके भविष्य और उनकी योग्यता से सरकार सीधे रुप से खिलवाड़ कर रही है। विद्यार्थी एक सुत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। निजी कॉलेजों को बंद करने और इस तरह निजी कॉलेजों में पैसो के बल पर दिए जा रहे प्रवेश को रोका जाए। सोमवार की शाम को कॉलेज के बाहर धरने पर बैठकर जमकर नारेबाजी की। विद्यार्थियों ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह उग्र प्रदर्शन करेंगे। अब तक विद्यार्थी कृषि मंत्री का पुतला फूंकने के साथ मार्च निकालने से लेकर अलग-अलग तरह से इसके लिए प्रदर्शन कर चुके है।
कृषि मंत्री से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने रखी अपनी बात
कृषि एवं उद्यानकी विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कृषि मंत्री सचिन यादव से मिला। यहां उन्होंने निजी कॉलेजों के बच्चों का शासकीय कृषि एवं उद्यानकी कालेजों में एमएससी के लिए प्रवेश के आदेश से नाराज कृषि छात्र प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में किए जा रहे प्रदर्शन के साथ अन्य मुद्दों पर बात की। उद्यानकी महाविद्यालय के कुलेंद्रसिंह यादव, ब्रज भुसन वर्मा, चंद्रप्रताप सेंगर ने कृषि मंत्री के सामने मांगे रखी। इसमें कहा कि मांगे नहीं मानी तो आने वाले दिनों में कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालयों में ताला लगा कर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
छात्रों ने तीन प्रमुख मांगे कृषि मंत्री के सामने रखी
प्रतिनिधिमंडल ने दोनों विश्वविद्यालय राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत कालेजों से पढ़ रहे छात्रों को ही एमएससी के लिए प्रवेश दिए जाने के साथ ही कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की करीब 5 हजार खाली पदों को भरने के लिए तत्काल प्रभाव से वैकेंसी निकालने की मांग भी रखी। इसके साथ ही उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर को अन्य कृषि महाविद्यालय के समकक्ष मानते हुए डिग्री प्रदान किए जाने की मांग भी की।