ओलावृष्टि में हुई फसल नुकसानी को लेकर ग्राम पंचायत सुरखेड़ा व कोचरिया खेड़ी के किसानों के संघर्ष ने बुधवार को आमरण अनशन शुरु किया था। इसमें किसानों का कहना था कि पंचायत के दोनों गांव मे 70 फीसदी से भी ज्यादा नुकसान होने के बाद भी दोनों गांव को मुआवजे से वंचित रह गए। दोनों गोंव के किसानों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर एवं फसल नुकसानी मुआवजे के लिए लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार किया था। इसके बाद तीन जून को गांव के किसानों ने तहसील परिसर में भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले धरना दिया था। जो तहसीलदार व अन्य अधिकारियों के सात दिन में समस्या के निराकरण के आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया था लेकिन समस्या का निराकरण नही होने पर बुधवार को भाजपा किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष भगवानसिंह शक्तावत सहित बशीलाल मालवीय, किसान बबलू आंजना, नरेंद्रसिंह चूंडावत, शिवनारायण आंजना, जगदीश पाटीदार, रामरतन पाटीदार, चतुर्भुज पाटीदार, मुकेश भांभी द्वारा अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया था। भाजपा के नेताओं ने प्रशासन और किसानों के बीच समन्यव करवाकर अनशन को समाप्त करवाया। इस अवसर पूर्व मंडल अध्यक्ष विक्रमसिंह महुआ, प्रतापसिह धतुरिया, अनिल पांडे, जितेंद्रसिंह कोटदामाता, राजेंद्र राठौर, पुरणदास बैरागी, उत्सव जैन सहित बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता एवं किसान उपस्थित थे।
दो दिन का समय मांगा
इस सबंध में भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष भगवानसिंह शक्तावत का कहना है कि प्रशासन द्वारा सूची मिलान के दो दिन का समय मांगा है। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया। प्रशासन द्वारा उचित निर्णय नही लिया गया तो किसानों को इनका हक दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
सूची मिलान के बाद शासन से मांग करेंगे
एसडीएम अर्पित वर्मा ने बताया कि किसानों के पास जो सूची है उसको विभाग की सूची से मिलान की जाएगी एवं नियमानुसार कार्रवाई की जाकर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इसके माध्यम से किसानों को मुआवजा एक समान दायरे में दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।