जिले में तेज आंधी और बारिश के दौर में हुए नुकसान से किसान वर्ग अब तक उठ ही नहीं पाया है। शुक्रवार रात को करीब 2 घंटे तक चली तेज आंधी के बवंडर एवं बारिश के कारण रबी की तैयार फसल के साथ ही संतरे के बगीचों में भी अधिक नुकसान हुआ है। हवा से बगीचे में संतरे झड़ गए और नीचे बिखर गए। वर्तमान में लॉकडाउन के चलते संतरे बाहर भी नहीं जा रहे है। ट्रांसपोर्ट का काम बंद होने के कारण किसान संतरों को बाहर भी नहीं भेज पा रहा है और अब हवा ने इतना नुकसान किया कि किसान संभाल भी नहीं पा रहे है। ऐसे में अब कृषक शासन से मुआवजे की आस लगाए है।
खेतों में खड़ी गेहूं, इसबगोल एवं अफीम की फसल पर मौसम की मार का काफी प्रतिकूल असर हुआ। नीम चौक, इमली फाटक, मनासा मंदसौर रोड़ सहित नगर की अन्य कई जगहों पर रहवासी मकानों की छतों से पतरे भी हवा के साथ उड़ गए थे। इस स्थिति में लॉकडाउन के कारण वह बारिश से उजड़े आषियानों को ठीक भी नहीं कर पा रहे है। कई किसानों के बगीचे में खड़ी लाखों रुपए के संतरे की फसल पूरी तरह चौपट हो गई। सुठोड रोड़ पर कृषक गणपतलाल बंजारी वाले के खेत में 1 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में संतरे के पौधों पर लटालूम संतरे आ रहे थे जो इस हवा के कारण जमींदोज हो गए।कृष्ण गणपतलाल ने बताया कि इस साल अनुकूल मौसम होने के कारण सबसे बढिय़ा फल आए थे तथा लॉकडाउन से पहले आए खरीददारों को फ़ल काफी पसंद आया था। इसके अतिरिक्त नारायणगढ़ कचनारा, पिपलिया विशनिया, बरुजना, हरसोल, बंडपिपलिया सहित आसपास के कई गांवों में खेतों में खड़ी एवं काट कर रखी गई फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
क्या कहते हैं किसान
पिछले सालभर से संतरो के पौधों को तरहण्तरह के खाद व दवाइयों से सींचकर फसल को इस स्थिति तक लेकर आया था किंतु लॉकडाउन के कारण समय पर खरीदार नहीं आ पाए और उसके बाद मौसम बिगडऩे के कारण मुंह में आया निवाला भी नीचे गिर पड़ा मुझे करीब 3 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है ।
्र्र्रगणपतलाल बंजारी वाला,कृषक नारायणगढ़
खेतों में खड़ी गेहूं, इसबगोल एवं अफीम की फसल पर मौसम की मार का काफी प्रतिकूल असर हुआ। नीम चौक, इमली फाटक, मनासा मंदसौर रोड़ सहित नगर की अन्य कई जगहों पर रहवासी मकानों की छतों से पतरे भी हवा के साथ उड़ गए थे। इस स्थिति में लॉकडाउन के कारण वह बारिश से उजड़े आषियानों को ठीक भी नहीं कर पा रहे है। कई किसानों के बगीचे में खड़ी लाखों रुपए के संतरे की फसल पूरी तरह चौपट हो गई। सुठोड रोड़ पर कृषक गणपतलाल बंजारी वाले के खेत में 1 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में संतरे के पौधों पर लटालूम संतरे आ रहे थे जो इस हवा के कारण जमींदोज हो गए।कृष्ण गणपतलाल ने बताया कि इस साल अनुकूल मौसम होने के कारण सबसे बढिय़ा फल आए थे तथा लॉकडाउन से पहले आए खरीददारों को फ़ल काफी पसंद आया था। इसके अतिरिक्त नारायणगढ़ कचनारा, पिपलिया विशनिया, बरुजना, हरसोल, बंडपिपलिया सहित आसपास के कई गांवों में खेतों में खड़ी एवं काट कर रखी गई फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
क्या कहते हैं किसान
पिछले सालभर से संतरो के पौधों को तरहण्तरह के खाद व दवाइयों से सींचकर फसल को इस स्थिति तक लेकर आया था किंतु लॉकडाउन के कारण समय पर खरीदार नहीं आ पाए और उसके बाद मौसम बिगडऩे के कारण मुंह में आया निवाला भी नीचे गिर पड़ा मुझे करीब 3 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है ।
्र्र्रगणपतलाल बंजारी वाला,कृषक नारायणगढ़