रेकॉर्ड में हेराफेरी पर राशि का किया गबन
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा बाबुल्दा में बैंक के ग्राहकों एवं अमानतदारों के खातों में आर्थिक अनियमितताएं किए जाने के प्रकरण में बैंक द्वारा विष्णु उपाध्याय लिपिक को निलंिबत किया जाकर शाखा बाबुल्दा में हुई आर्थिक अनियमितताओं की जांच दल का गठन किया था। मामले में शाखा प्रबंधक शाखा बाबुल्दा के माध्यम से भानपुरा में मामला दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने विष्णु उपाध्याय को गिरफ्तार भी किया था। शाखा बाबुल्दा में हुई आर्थिक अनियमितता की जांच के बाद बैंक को प्रस्तुत जॉच प्रतिवेदन में आर्थिक अनियमितताओं की अधिकांश राशि विष्णु उपाध्याय एवं इनके परिवार के सदस्य माता, पत्नी व अन्य के खातें में हंस्तातरित की जाने व बैंक रेकार्ड में हेराफेरी करने का दोषी पाए जाने के चलते बैंक ने विष्णु उपाध्याय की सेवा समाप्त कर दी।
यह रहा पूरा घटनाक्रम
जिला सहकारी बैंक के एमडी पीएन यादव ने बताया कि वर्ष २०१८ में दूधाखेड़ी माता मंदिर के खाते जो बाबुल्दा शाखा में थे। वहां ४० लाख रुपए की राशि लिपीक विष्णु उपाध्याय ने भानपुरा में अपनी मां रेखाबाई, पत्नी रिया व अन्य पीयुष, बालकिशन, रामविलास, सत्यनारायण के खाते में ट्रांसफर कर ली थी। और भानपुरा शाखा के खाते से राशि भी आहरित कर ली थी। मामले में एफआईआर हुई और कार्रवाई के बाद उपाध्याय से यह ४० लाख की राशि वसूली की गई। इसके बाद १५ लाख रुपए की राशि के गबन का एक अन्य मामला भी आया। इसमें अंत्रालिया व बाबुल्दा शाखा से राशि ट्रांसफर कर निकाली गई। इस राशि की वसूली होना है।
मामले में तीन सदस्यों का जांच दल जिसमें शाखा प्रबंधक वरदीचंद मीणा, प्रभारी साख्यिकी मुकेश पालीवाल व तत्तकालीन शाखाप्रबंधक आईएस मंसूरी ने जांच की थी। जांच दल ने २०२० में रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट व प्रतिवेदन को स्टॉफ समिति की बैठक में रखा गया। वहां से उपाध्याय को दोषी पाते हुए सेवा समाप्ति पर निर्णय लिया गया।