किश्त नहीं चुकाई तो बेटे के मकान के साथ पिता का मकान भी कर दिया सील
मंदसौरPublished: Jul 29, 2019 03:56:49 pm
किश्त नहीं चुकाई तो बेटे के मकान के साथ पिता का मकान भी कर दिया सील
मंदसौर
ग्राम गायरीखेड़ा में आवास फाइनेंस के कर्मचारियों ने किश्त नहीं चुकाने पर एक व्यक्ति के घर के घर को सील कर दिया। साथ ही अन्य मकान को भी सील कर दिया। बताया जा रहा है कि एक मकान के अंदर बच्चे थे। हांलाकि इसकी कोई अधिकारी पुष्टि नहीं रहा है। जिसके चलते परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मल्हारगढ तहसील के गायरीखेडा निवासी जगदीश दायमा ने बताया कि मंैने वर्ष 2014 में आवास फायनेंस लिमिटेड से 3.50 लाख का लोन लिया व 2 लाख के लगभग जमा भी करवा दिए। लेकिन जब फ ायनेंस कंपनी के वरुण ठाकुर को 40 हजार व 40 हजार आरिफ को दिए। लेकिन जब उन्होंने रसीद नहीं दी व जब मैंने स्टटेंमेंट मांगा तो नहीं दिया। तो मैने साल भर से लोन की कि़श्त जमा करना बंद कर दिया। फायनेंस कम्पनी ने जब 25 जुलाई की मकान कुर्की की बोला तो मेंने मेरे वकील के माध्यम से नारायणगढ न्यायालय से स्टे का आवेदन लगाया। 25 जुलाई को सुबह में जब नारायणगढ था तो बैंक के कर्मचारी, रेवन्यू इस्पेक्टर सत्यनारायण चन्देल, पटवारी केदारगोड़ व पुलिस घर पर आए व फोन लगाकर बोला कि घर आ जाओ व मकान पर लगा ताला तोड़कर दूसरा ताला व सील लगा दी व साथ में मेरे पिताजी मांगीलाल दायमा को प्रधानमंत्री आवास मिला है हम दोनों के घर के बाहर भी ताला लगा दिया। जब हमारे वकील भूपेश जैेन ने स्टे आर्डर ले जाकर मल्हारगढ़ तहसीलदार को बताया तब पुन: टीम ने आकर रात्रि 9.30 बजे ताला खोला तब तक हम घर के बाहर ही बेठे रह।े
इनका कहना.
ताला लगाने के बाद जगदीश को स्टे मिला फिर ताले खुलवाए गए। जगदीश व उनके पिता का मकान एक ही परिसर में है। बैंक वालों ने बताया कि हमारे पास पूरे परिसर के कागजात है इसलिए पूरे परिसर में ताला लगाया था।
केदार गोड़, पटवारी
न्यायालय से मिले स्टे की कापी हमे देर शाम को मिली फिर हमने ताला खुलवाने की कार्रवाई की।
मुकेश सोनी, तहसीलदार मल्हारगढ