प्रभारी मंत्री बोले जब से सत्ता से बाहर हुए तब से छटपटा रहे शिवराज
प्रभारी मंत्री ने पत्रकारों से चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जब से वह सत्ता से बाहर हुए है तब से ही छटपटा रहे है। १५ साल मुख्यमंत्री रहा व्यक्ति इस स्तर तक बोलेगा यह कल्पना नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब से वो हाईकमान के शिकार हुए है उनको प्रदेश से जुदा किया है तब से उनका मन नहीं लग रहा है। उनको पूरे देश में घुमने की कहा है लेकिन वो दो-चार दिन घुमकर फिर प्रदेश में आ जाते है। उनका मोह प्रदेश से छुट नहीं रहा है। इसलिए थोड़े-थोड़े दिन में कुछ नया सगुफा लाते है।
शिवराज के १ हजार करोड़ केंद्र देने की बात पर कहा कि १९ सितंबर के बाद तो टीम आ रही है। पहले से कहा पैसा दे दिया। हम तो यह कहेंगे की वह अपने प्रभाव का उपयोग करें और यहां घुमने के बजाए दिल्ली जाकर मोदीजी से मिलकर पैसा लाए आएगा तो हम हाथ खड़ा करके कहेंगे कि शिवराजजी की वजह से पैसा आया। हम जो केंद्र से मांग करेंगे उसकी एक कॉपी शिवराजसिंह चौहान को भी देंगे। २१ को मंदसौर से शिवराज के आंदोलन की बात पर कहा कि वह आज से ही करेंगे। हम हर चीज का जवाब देने को तैयार है। हमारी सभी तैयारी है।
न गाड़ी से उतरे न बाढ़ पीडि़तों से मिले, राहत शिविर के सामने से 2 बार गुजरे
प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा बाढ़ पीडि़त क्षेत्रों का दौरा करने आ जरुर, लेकिन न तो गाड़ी से उतरे और न हीं बाढ़ पीडि़तों से मिलने के लिए पहुंचे। यहां तक की जहां राहत शिविर लगाया गया। उसके सामने से दो बार गुजरने के बाद भी वहां नहीं पहुंचे। प्रभारी गांव आबाखेड़ी, भुकी, बेटीखेड़ी, कचनारा, सूठी सहित आसपास के कई गांव में पहुंचे। प्रभारी मंत्री कचनारा भी पहुंचे यहां पर सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह परिहार ने बस स्टैंड पर काफिला रोककर नुकसान व अन्य समस्याओं के बारें में ताया।बस स्टैंड से बाबा रामदेवजी मंदिर राहत शिविर के सामने से होते हुए भूखी पहुंचे व पुन: भूखी से कचनारा राहत शिविर के सामने होते हुए बेटीखेड़ी पहुंचे लेकिन राहत शिविर को नहीं देखा। रामदेव मंदिर पर पित्याखेड़ी, सुल्तानिया व आसपास के करीब 250 बाढ़ पीडि़त वर्तमान में ठहरे हुए हैं। भूखी के लिए भोजन के पैकेट की भी व्यवस्था यहीं से की जा रही है। राहत शिविर का संचालन वर्तमान में आसपास के गांव वालों द्वारा किया जा रहा है।
प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा बाढ़ पीडि़त क्षेत्रों का दौरा करने आ जरुर, लेकिन न तो गाड़ी से उतरे और न हीं बाढ़ पीडि़तों से मिलने के लिए पहुंचे। यहां तक की जहां राहत शिविर लगाया गया। उसके सामने से दो बार गुजरने के बाद भी वहां नहीं पहुंचे। प्रभारी गांव आबाखेड़ी, भुकी, बेटीखेड़ी, कचनारा, सूठी सहित आसपास के कई गांव में पहुंचे। प्रभारी मंत्री कचनारा भी पहुंचे यहां पर सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह परिहार ने बस स्टैंड पर काफिला रोककर नुकसान व अन्य समस्याओं के बारें में ताया।बस स्टैंड से बाबा रामदेवजी मंदिर राहत शिविर के सामने से होते हुए भूखी पहुंचे व पुन: भूखी से कचनारा राहत शिविर के सामने होते हुए बेटीखेड़ी पहुंचे लेकिन राहत शिविर को नहीं देखा। रामदेव मंदिर पर पित्याखेड़ी, सुल्तानिया व आसपास के करीब 250 बाढ़ पीडि़त वर्तमान में ठहरे हुए हैं। भूखी के लिए भोजन के पैकेट की भी व्यवस्था यहीं से की जा रही है। राहत शिविर का संचालन वर्तमान में आसपास के गांव वालों द्वारा किया जा रहा है।