scriptपशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में डेम से पानी छोडऩे से प्रदूषण व गंदगी हुई साफ नदी दिखने लगी स्वच्छ | The release of water from the dam in Pashupatinath temple area caused | Patrika News

पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में डेम से पानी छोडऩे से प्रदूषण व गंदगी हुई साफ नदी दिखने लगी स्वच्छ

locationमंदसौरPublished: May 18, 2022 10:38:06 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में डेम से पानी छोडऩे से प्रदूषण व गंदगी हुई साफ नदी दिखने लगी स्वच्छ

पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में डेम से पानी छोडऩे से प्रदूषण व गंदगी हुई साफ नदी दिखने लगी स्वच्छ

पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में डेम से पानी छोडऩे से प्रदूषण व गंदगी हुई साफ नदी दिखने लगी स्वच्छ

मंदसौर.
भगवान पशुपतिनाथ के आंगन में बह रही शिवना के प्रदूषण को दूर करने के लिए पत्रिका की खबरों का असर भी दिखने लगा है। प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेकर जहां १९ मई से महाअभियान के श्रीगणेश करने की प्लानिंग कर ली है तो वहीं नपा व प्रशासनिक अमले ने मंगलवार के अंक में प्रकाशित मां शिवना के आंचल में सीवर का दाग वाली खबर पर संज्ञान लेकर नदी की गंदगी और प्रदूषण को साफ करने का काम किया है। वर्तमान में जलकुंभी से लेकर यहां की गंदगी और प्रदूषण को दूर करते हुए यहां पानी तक छोड़ा गया है। अभी की स्थिति में नदी में साफ व स्वच्छ पानी दिख रहा है। अब मानसून के पहले शिवना में गहरीकरण से लेकर शुद्धिकरण में अधिक काम होगा।

अलावदाखेड़ी के स्टॉपडेम के खोले गेट तो दूर हुई गंदगी
शिवना नदी पर अलावदाखेड़ी में जो स्टॉपडेम बना है और शिवना के प्रदूषण में सबसे बड़ी वजह उसे ही बताया जाता है। आखिरकार पत्रिका में खबर के बाद इस पर संज्ञान लिया और कलेक्टर गौतमसिंह के निर्देश के बाद अलावदाखेड़ी के इस स्टॉपडेम के गेट खुलवाए गए। जिससे पानी बहा तो बैंक वॉटर में जमा हो रही गंदगी और प्रदूषित पानी भी बह निकला। नदी पर बना यह स्टॉपडेम कई सालों से नदी के प्रदूषण की वजह बना हुआ है। इसी कारण अब इसके गेट खुलवाए गए है। हालांकि अभी इस स्टॉपडेम का स्थायी हल नहीं निकला है लेकिन अस्थायी तौर पर ही गेट खुलवाकर नदी की गंदगी को दूर करने की कोशिश की गई है।
नदी में छोड़ा पानी, जलकुंभी हटाना भी हुआ शुरु
रामघाट बैराज से पानी को छोड़ा गया जिससे पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में नदी में साफ पानी आ गया है। वर्तमान में चंबल का पानी मिलने से इस बार जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है और नपा के पास पानी भी है। इसी कारण रामघाट से पानी छोड़ा गया इससे नदी के ऊपरी पतर पर जमा गंदगी और प्रदूषण पूरी तरह साफ हो गया और स्टॉपडेम के गेट खुलने से वह बह गया। इधर नदी में फिर से साफ व स्वच्छ पानी बहने लगा तो पानी आने से जलकुंभी के हटने का दौर भी शुरु हो गया और वर्तमान स्थिति में नदी साफ दिखने लगी। हालांकि नदी में मिल रहे सीवर के पानी का दौर जारी है।
19 से महाअभियान के लिए प्रशासन व नपा ने झोंकी ताकत
१९ मई से शिवना शुद्धिकरण के महाअभियान की शुरुआत होना है। इसके लिए लगातार प्लानिंग हो रही है। नपा के इंजीनियरो से लेकर स्टॉफ व अन्य कर्मचारियों की इसके लिए ड्युटी भी लगाई जा रही है तो निर्माण वाले अन्य विभागों के इंजीनियरो को भी इसमें लगाया जा रहा है। कलेक्टर गौतमसिंह महाअभियान की तैयारियों को लेकर लगातार समीक्षा कर रहे है। प्रशासन व नपा ने इस महाअभियान के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसमें सामाजिक संगठनों को जोड़कर शुद्धिकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा तो विभागों को जोड़कर जनभागीदारी से इसे महाअभियान का रुप दिया जा रहा है।

निर्मल जल शिवना अभियान के कार्यकर्ताओं ने शहरवासियों ने १९ को महाअभियान में भाग लेने का किया आह्वान
निर्मल शिवना जन अभियान के कार्यकर्ता एवं लगातार 3 सालों से जल सत्याग्रह करने वाले कार्यकर्ताओं ने मांग की है शिवना के लिए केंद्र सरकार से 30 करोड़ की बड़ी राशि प्राप्त हुई है। इस शिवना के मुद्दे को राजनीतिक रूप में न लेकर स्थाई समाधान के लिए कोशिश करनी होगी। निर्मल शिवना जन अभियान के कार्यकर्ता रमेश सोनी ने कहा है की समय है गंदगी का एक भी नाला शिवना में प्रवाहित नहीं किया जाए। इस पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। सत्येंद्र सिंह सोम ने कहा जनवरी माह की ठंड में भगवान पशुपतिनाथ को साक्षी मानकर जल सत्याग्रह का जो संकल्प लिया गया था उसको पूरा करने के लिए जितने भी जल सत्याग्रही थे उन्होंने पूर्ण विश्वास के साथ जल सत्याग्रह किया गया था इस उम्मीद के साथ कि भगवान पशुपतिनाथ आज नहीं तो कल हमारे दर्द को सुनेंगे और और बड़ा चमत्कार होगा। सुनील बंसल ने कहा जल ही जीवन है, जल की सुरक्षा करना हर व्यक्ति का दायित्व होता है और यह तो नदी साक्षात भगवान पशुपतिनाथ की उत्पत्ति का केंद्र है इसके संरक्षण का ध्यान दिया जाना चाहिए। केशवराव शिंदे ने कहा यह हमारी शिवना नदी जहां विश्व विख्यात भगवान पशुपतिनाथ प्रगट हुए हैं वह विश्व धरोहर है उसके प्रति आम आदमी को आगे होकर श्रमदान करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को 19 मई को शिवना घाट पर पहुंचकर एक तगारी उठाकर शिवना में सहयोग करना हैं यह भगवान की साक्षात सेवा कहलाएगी। निर्मल शिवना जन अभियान के हरिशंकर शर्मा ने कहा एक-एक रुपए का बड़ी ध्यान से सावधानी से प्रशासन को खर्च करना होगा। इस पैसे का उपयोग यदि सही रूप में हो गया तो हमें पूर्ण विश्वास है रामघाट से लेकर मुक्तिधाम तक गंदे नालों को बाहर किए जाने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। निर्मल शिवना के विशेष सहयोगी डॉ देवेंद्र पौराणिक ने कहा शासन के पैसे का उपयोग सावधानी से भी किया जाता है उसके परिणाम बहुत अच्छे आते हैं लेकिन यदि जरा सी भी असावधानी हुई तो वह पैसे का चारागाह बनने में देर नहीं लगती। हरिनारायण धनगर ने कहा कि नगर के उद्योगपतियों को नगर के अब तक बड़े ठेकेदार उनके सारे साधनों का उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि वह लोग समय नहीं दे सकते लेकिन साधनों का उपयोग उनसे लिया जाना चाहिए। बंशीलाल टांक ने भी कहा कि जनता को इस महाअभियन में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

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