जो शिवना जनआस्था का केंद्र उसे ही बना दिया गंदा नाला
विश्व प्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ के चरण पखारने वाली शिवना जनआस्था का केंद्र है। लेकिन वर्तमान में नालों के पानी और फैक्ट्री से छोड़े जा रही दूषित पानी के कारण गंदा नाले के रुप में दिख रही है। जो आस्था का केंद्र है उसे ही नाला बनने तक भी इस पर कोई गंभीर नहीं है। बड़ी विड़बना तो यह है कि शिवना शुद्धिकरण के लिए अब तक हुए प्रयासों और सर्वे के बीच बैठकों में हर एक पहलू पर मंथन हुआ लेकिन मुक्तिधाम के समीप क्षेत्र में राजाराम फैक्ट्री से इसमें मिल रहे दूषित पानी को मिलने से रोकने पर ना बात हुई और ना ही इस पर किसी ने बेबाकी से मुद्दा उठाया। इसी कारण सालों से फैक्ट्री का पानी नदी में मिल रहा है और यह नदी के प्रदूषण को बड़ा रहा है।
८ किमी क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक नालें
शहरीय क्षेत्र में ८ किमी क्षेत्र में शिवना नदी में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है। इसमें रेलवे ब्रिज से लेकर मुक्तिधाम और यहां पुलिया वाले क्षेत्र में नालों से लेकर राजाराम फैक्ट्री से इसमें छोड़े जा रहे केमिकलयुक्त और दूषित अपशिष्ट और पानी तो वहीं भगवान पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में बड़ी पुलिया से लेकर छोटी पुलिया और कोर्ट के निचले क्षेत्र तक मिल रहे नालें भी इसकी बड़ी वजह है। इतना ही नहीं कई पांईट ऐसे है कि पाईप डालकर नदी के बीच में गंदे पानी को छोड़ा जा रहा है। वहीं खानपुरा में तीन छत्री बालाजी के समीप बड़ा नाला इसमें मिल रहा है। इस तरह शहरीय क्षेत्र में कई जगहों पर शहर के गंदे पानी के नालों से नदी में सीवरेज मिल रहा है। वहीं फैक्ट्री का पानी शिवना के जल को हर दिन जहरीला कर रहा है।
मंदिर क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण, दुर्गंध से भक्त होते है परेशान
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर दूर-दरार्ज से भक्त दर्शन करने पहुंचते है। शिव के आंगन में बह रही शिवना की दूर्दशा के साथ बढ़ते प्रदूषण के कारण फैल रही दुर्गंध इन भक्तों को परेशान करती है। मंदिर क्षेत्र में सीवरेज के कारण बढ़ रहा प्रदूषण देशभर से आने वाले भक्तों की नजर में शिवना की दुर्दशा को बया करती है। इतना ही नहीं मुक्तिधाम क्षेत्र में बड़ी पुलिया व रेल ओवरब्रिज से शहर में प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए यहां से उठती दुर्गंध ही पहचान बन गई है।
प्रयास कर रहे है
नदी में नालों के मिल रहे पानी को कैसे रोका जाए। इस पर प्रयास कर रहे है। ३० करोड़ की योजना में टेंडर के साथ इसके लिए नाला बनेगा और पानी को उसमें जोड़ा जाएगा। वहीं फैक्ट्री के पानी को भी नदी में नहीं मिलने के लिए भी निर्देश दिए है। प्रयास करते हुए आगे बढ़ रहे है। अलावदाखेड़ी में जो स्टॉपडेम बना है उसका भी हल निकाला जाएगा। -गौतमसिंह, कलेक्टर
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शिवना शुद्धिकरण के लिए नपा में कंट्रोल रूम स्थापित
शिवना शुद्धिकरण अभियान को लेकर नगर पालिका में कंट्रोल रुप स्थापित किया गया है। सीएमओ पीके सुमन ने बताया कि 19 मई से जिला प्रशासन की पहल पर शिवना नदी के कायाकल्प के लिए शिवना गहरीकरण व शुद्धिकरण अभियान प्रारंभ होने जा रहा है। इस अभियान के संबंध जो भी नागरिक, समाजसेवी संस्था के जनप्रतिनिधी यदि कोई सुझाव देना चाहते है तो वे नगर पालिका कार्यालय में खोले गए शिवना शुद्धिकरण अभियान के कंट्रोल रूम पर दे सकते है। साथ ही नपा के कार्यालीन समय में फोन नंबर 07422-224911 पर अपने सुझाव नोट करा सकते है। नपा का कंट्रोल नपा के कार्यालयीन समय में आपके सुझाव को नोट कर संबंधित अधिकारीयो को अवगत कराएंगे। उन पर अमल भी लाया जाएगा।