scriptयहां भगवान की शरण में लग रहा शिक्षा का मंदिर | The temple of education is being held in the shelter of God | Patrika News

यहां भगवान की शरण में लग रहा शिक्षा का मंदिर

locationमंदसौरPublished: Feb 17, 2020 08:08:12 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

यहां भगवान की शरण में लग रहा शिक्षा का मंदिर

यहां भगवान की शरण में लग रहा शिक्षा का मंदिर

यहां भगवान की शरण में लग रहा शिक्षा का मंदिर


मंदसौर.
जिले के गांव देवरी के प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चे इन दिनों भगवान की शरण में है। मंदिर में स्कूल की क्लास चल रही है। ऐसा नहीं की गांव में स्कूल का भवन नहीं है। लेकिन फिर भी स्कूल में बैठकर पढऩा इन बच्चों की मजबुरी बना हुआ है। भवन होने के बाद भी मंदिर में स्कूल लगने का कारण बाढ़ के दिनों में स्कूल पूरी तरह तबाह होना है। अतिव़ृष्टि के दौर में स्कूल पूरी तरह बह गया। बाढ़ स्कूल भवन में तबाही के इन मंजर को छोड़ चली गई। इसके कारण यह खंडहर बन गया। जहां पहले बच्चों की क्लास चलती थी। वहां अब जाना भी खतरों से खाली नहीं है।
मंदिरों की घंटियों व श्रद्धालुओं की आवाजाही के बीच चल रहा शिक्षा का मंदिर
बीते दिनों जिले में आई बाढ़ की तबाही के मंजर आज भी सीतामऊ तहसील के गांव देवरी के प्राथमिक स्कूल के हालात को देख लग रहा है। स्कूल के इन बच्चों को मंदिर की घंटियों और श्रद्धालुओं की आवाजाही के बीच पढ़ाई करना मजबूरी बन गई है। देवरी गांव में बाढ़ में स्कूल की पूरी बिल्डिंग बह गई। खंडहर नुमान इस भवन में दीवारों पर लिखे हिंदी वर्णमालाओं के अक्षर बयां कर रह है कि यहां कभी स्कूल था। जिसके अब अवशेष ही शेष बचे है।
बाढ़ के बाद २० बच्चों ने छोड़ा स्कूल
अब बच्चे गांव के एक मंदिर के चबूतरे पर पढ़ते है। जहां तीन कतारों में कक्षा 1 से लेकर 5 वी तक कि कक्षाए लगती है। स्कूल में करीब 51 बच्चे दर्ज है। खास बात यह भी है कि बाढ़ के बाद नदी के उस पार रहने वाले करीब 20 बच्चो ने पढ़ाई छोड़ दी है । ये बच्चे बाढ़ के बाद स्कूल नही ंपहुचे। नदी में पानी है और नन्हे बच्चों को नदी पार करने खतरा बना रहता है। इसी कारण पालको ने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है।
बच्चों को इसी स्कूल में भेजना भी ग्रामीणों की मजबूरी
ग्रामीणों का कहना है की गांव में कोई निजी स्कूल भी नहीं है। ऐसे में इसी प्राथमिक स्कूल में भेजना मजबुरी है। मंदिर में स्कूल चल तो रहा है, लेकिने शादियों के सीजन में यहीं पर बैंडबाजे भी बचते है। और हर समय लोगों की आवाजाही भी रहती है। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बीते पांच माह से गांव के देवनारायण मंदिर में लग रहे स्कूल की सुध अब तक किसी ने नहीं ली। बाढ़ के बाद विभागीय अधिकारी यहां निरीक्षण करने तो आए लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
स्कूल रिकॉर्ड से लेकर पूरा भवन बाढ़ में बह गया
सीतामऊ विकास खंड में स्कूल है। बाढ़ में पूरी बिल्डि़ंग बह गई थी और स्कूल का रिकॉर्ड भी पूरा बह गया। यहां तक की फर्नीचर से लेकर अन्य स्कूल के सामान भी पानी के बहाव में बह गए। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर गांव के शिव मंदिर में बच्चों को पढ़ा रहे है। यहां भी जगह कम होने से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक साथ बिठाकर पढ़ा रहे है। -दुले सिंह डांगी, शिक्षक
१४ लाख का प्रस्ताव भेजा है
स्कूल भवन के लिए प्रस्ताव बनाकर हमने राज्य शिक्षा केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा है। स्कूल के बिल्डिंग की राशि लगभग 14 लाख 69 हजार का प्रताव है। स्वीकृति मिलते ही हम कार्य शुरू कर देंगे। -आरएल कारपेंटर, जिला शिक्षा अधिकारी, मंदसौर
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