हैंडवाश है नहीं, फिटबैग मशीन भी बंद, एक्जास्ट फैन बंद ऐसे में कैसे हो ओडीएफ प्लस प्लस
तो खुल है तार और फिटबैग मशीन भी पड़ी है बंद
मंदसौर
Published: March 07, 2022 11:53:47 am
मंदसौर.
शहर के पब्लिक टॉयलेट्स को सर्वसुविधायुक्त मानते हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत ओडीएफ खुले में शौच मुक्त डबल प्लस का तमगा तो हर बार मिल रहा है लेकिन जमीनी हालात ठीक उलटे है। इस बार भी नपा ने डबल प्लस के लिए दावा किया है लेकिन टॉयलेट्स के हालात बद से बदतर है। मशीनें खराब पड़ी है फिटबैग मशीन सिर्फ शो पीस है। हैडवॉश है नहीं एग्जास्ट फैन भी बंद है तो महिलाओं की सुविधाओं से जुड़ी मशीनें भी धुल खा रही है। ओडीएफ के डबल प्लस की टीम से आने से पहले सिर्फ दिखावे के लिए इंतजाम जुटाए जाएंगे। इसके बाद सालभर यह कॉप्लेक्स अपनी बदहाली पर आंसू बहाती है।
नगर पालिका हर बार डलब प्लस का प्रमाण पत्र लेकर इसे अपनी उपलिब्ध बताती है। लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ टीम को दिखाने के लिए ही सुविधाएं जुटाई गई थीं। अब हालात ऐसे हैं कि अधिकतर पब्लिक टॉयलेट्स में न तो हैंडवॉश है और न सेनेटरी नैपकिन ही नहीं है। कालाखेत की बात हो या नेहरु बस स्टैंड या फिर महाराणा प्रताप बस स्टैंड की। हर जगह यही हालात है। पत्रिका ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर रविवार को शहर के टॉयलेट्स के हालातों को स्कैन किया तो हर जगह हालात एक से मिले। हद यह है कि यहां के केयर टेकर बकायदा रजिस्टर मेंटेन कर रहे हैं इसमें 24 घंटे में 4 बार सफाई करना भी दर्ज किया जा रहा है लेकिन सब छलावा है। न नगर पालिका को यहां आकर कभी देखने की फुर्सत है और ना ही टीम के आने के अलावा किसी दिन किसी ने देखने की जुर्रत की। ओडीएफ के डबल प्लस और इसके बाद स्टार रेटिंग का दावा कर नपा स्वच्छता की परीक्षा में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए नंबर बढ़ाने की जुगत इनके माध्यम से करती है।
हैडवॉश नहीं सिर्फ सफेद पावडर और सामुदायिक में पानी, लाईट कुछ भी नहीं
स्टार रेटिंग के पैरामीटर्स और भी अधिक है। इसलिए चिुनौती भी बड़ी है। स्वच्छता सर्वे में स्टार रेटिंग में ओडीएफ के मापदंड ज्यादा कड़े हैं। कम्युनिटी व पब्लिक टॉयलेट का मुआयना किया है बल्कि शहर में कहीं भी ओपन डिफेकेशन या ओपन यूरिनेशन मिलने पर उसकी भी रिपोर्ट बनाई है। यदि टॉयलेट सुविधाजनक नहीं होंगे तो ओपन डिफेकेशन व यूरिनेशन लोगों की मजबूरी भी है। इन टॉयलेट में हैडवॉश का इंतजाम तो नहीं सिर्फ सफेद पावडर है जिससे लोग हाथ धो रहे है। इतना ही नहीं सामुदायिक टॉयलेट में पानी, लाईट तक की दिक्कत है। कही दरवाज में अंदर लगाने के इंतजाम नहीं तो कही चारों और गंदगी का आलम है। यह इसलिए सब चल रहा है कि यहां कोई आकर देखता तक नहीं है।
पैरामीटर पर शहर का एक भी टॉयलेट खरा नहीं
शहर में सार्वजनिक स्थानों से लेकर बस्तियों के लिए सामुदायिक व सार्वजनिक करीब ४२ टॉयलेट़्स है। इसमें लिक्विड हैडवॉश, पुश नत, एग्जास्ट फैन, हर सीट पर बल्ब, सेनेटरी वेडिंग मशीन, हैंड ड्रायर, सफाई, पानी, फिटबैग मशीन के पैरामीटर तय है। जिनसे यहां आने वाले लोगों को सुविधा मिलें तो फिटबैग मशीन से यहां की सुविधाओं के बारें में उपयोग करने वाले लोग अपना मत दे सकें लेकिन मशीनें ही बंद पड़ी है और सुविधाएं ही अनदेखी की भेेंट चढ़ी हुई है। ऐसे में अधूरें इंतजामों के बीच नपा डबल प्लस का तमगा हासिल करने में जुटी है तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को अव्वल लाने का दावा कर रही है।
टीम आएगी तब जुटाएंगे इंतजाम बाकी समय तो सिर्फ राशि पर फोकस
नपा के स्वास्थ्य अधिकारी हेमंचद शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक व सामुदायिक सुलभ कॉप्लेक्स के सभी संचालको को मापदंडों को पूरा करने के लिए कहा गया है। इनका निरीक्षण कर टीम के आने से पहले सभी इंतजाम पूर कराए जाएंगे। शहर में ४२ सार्वजनिक व सामुदायिक सुलभ कॉप्लेक्स संचालित है।
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