— किसान आंदोलन का डेमेज कंट्रोल करने के लिए यह निकाला तरीका सहकारी समितियों में अध्यक्षों को प्रशासक बनाने की तैयारी – किसान आंदोलन में पॉलीटिकल डेम
मंदसौर.
जिले की १०४ प्राथमिक साख सहकारी समितियों में अध्यक्षों को प्रशासक बनाने की तैयारियां की जा रही है। इन समितियों का कार्यकाल १० से १९ जनवरी के बीच पूरा हो रहा है। जिन समितियों में अध्यक्ष नहीं है वहां उपाध्यक्ष को प्रशासक बनाने की तैयारी की जा रही है। यह कार्य विधानसभा चुनाव को
ध्यान में रख ग्रामीण इलाको में पार्टी की पकड़ मजबूत करने व ग्रामीण किसान नेताओं को खुश करने के लिए किया जा रहा है। जिले में किसान आंदोलन के कारण अभी तक किसानों की नाराजगी सरकार व भाजपा के प्रति कम नहीं हुई है। किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व पार्टी संगठन तरह- तरह के जतन कर रहे है। चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के प्रति नाराजगी है। यदि इन समितियों के संचालकों का बहुमत भाजपा का नहीं आता है तो इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। यहीं वजह है कि सरकार जिले में प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं के चुनाव कराने का खतरा मोल लेना नहीं चाहती। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साख सहकारी समितियों के संचालक मंडलो के अध्यक्षों को सहकारी मंत्री विश्वास नारंग ने प्रशासक नियुक्त करने के निर्देश दे दिए है।
सहकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगो ने भी माना किसान आंदोलन से भाजपा की पकड़ ढीली
सहकारी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का भी मानना है कि जिले में हिंसक किसान आंदोलन व पुलिस की गोली व बल प्रयोग से करीब ६ किसानों की मौत तथा किसानों व व्यापारियों के बीच विवाद तोडफ़ोड़, आगजनी का असर अभी भी खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। जून माह बाद से ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह डेमेज कंट्रोल के लिए सरकार व पार्टी स्तर पर कई प्रयास कर चुके है। इसी वजह से सरकार जिले सहित प्रदेश में समितियों के चुनाव करने से परहेज कर रही है। अध्यक्षों को प्रशासक बनाने के लिए पहले ही सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम में संशोधन विधेयक पारित कराकर सहकारी बैंको व साख सहकारी समितियों में निर्वाचन नहीं होने की दशा में प्रशासक के पद पर गैर सरकारी व्यक्ति को नियुक्ति का रास्ता खोल दिया है।
जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ने कहा…
२० जनवरी तक जिले के १०४ प्राथमिक सहकारी साख समितियों का कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा। सरकार पब्लिक सेक्टर के ही व्यक्ति को समितियों के अध्यक्षों को ही प्रशासक बनाने पर विचार कर रही है। सहकारिता मंत्री ने इस संबंध में कोई दिशा- निर्देश दिए है तो वे अभी तक उनके पास पहुंचे नहीं है।
– मदनलाल राठौर, अध्यक्ष, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, मंदसौर-नीमच
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