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चार शुभ संयोग के साथ आज सावन माह का पहला सोमवार

चार शुभ संयोग के साथ आज सावन माह का पहला सोमवार

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मंदसौर.
भगवान शिव की भक्ति के पवित्र सावन माह में पहला सोमवार आज है। पहला सावन सोमवार चार शुभ संयोगों के साथ मनाया जाएगा। सोमवार पर शिवालयों में शिवभक्तों की अधिक भीड़ रहेगी। भगवान पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर धर्मराजेश्वर व भानपुरा क्षेत्र में छोटा-बड़ा महादेव सहित अन्य शिवालयों में पर आज शिवभक्तों का हुजूम उमड़ेगा। कोविड की तमाम पाबंदिया हटने के बाद आ रहे सावन के इस सोमवार को लेकर शिवभक्तों में अपार उत्साह है। शिवालयों में भी इसी को लेकर व्यापक तैयारिया की जा रही है। मंदिरों पर अलसुबह से लेकर रात तक भक्तों की आवाजाही सावन सोमवार होने के कारण रहेगी।


शोभन, प्रीति व सर्वार्थ सिद्धी योग आज
सावन महीने का पहला सोमवार 18 जुलाई को आएगा। इस दिन शोभन, प्रीति व सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाएगा। साथ ही साथ ज्योतिष गणना के अनुसार सावन के पहले सोमवार पर चंद्रमा और गुरू की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग ज्योतिष में बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। ये योग भगवान शिव का पूजन करने या कोई भी शुभ कार्य करने के लिए बहुत ही उत्तम है। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता के अध्याय 16 में शिव जी कहते हैं कि मासों में सावन मुझे बहुत प्रिय है। इस महीने में श्रवण नक्षत्र वाली पूर्णिमा रहती है। इस वजह से भी माह को श्रावण कहते हैं। सावन महीने में सूर्य अधिकतर समय कर्क राशि में रहता है। जब सूर्य कर्क राशि में होता है, उस समय में की गई शिव पूजा जल्दी सफल होती है।


शिवलिंग पर ठंडे जल की धारा से अभिषेक
शिव पर ठंडे जल की धारा की परंपरा के पीछे समुद्र मंथन की कथा है। जब देवताओं और दानवों ने समुद्र को मथा तो सबसे पहले हलाहल विष निकला। जिसे शिव जी ने पी लिया था। इस विष को भगवान ने गले में धारण किया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया। विष की वजह शिव जी के शरीर में गर्मी बहुत बढ़ गई थी। इस गर्मी को शांत करने के लिए शिवलिंग पर ठंडे जल की धारा चढ़ाने की परंपरा है। इसी के कारण महादेव का जलाअभिषेक अधिक होता है। सोमवार को हर और अभिषेक का दौर चलेगा।