जन्माष्टमी के दिन शुभ संयोग
इस साल जन्माष्टमी और भी खास इसलिए है क्योंकि जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लगा है। इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा। जो कि दोपहर 12.5 मिनट से 12.56 मिनट तक रहेगा। जन्माष्टमी पर ध्रुव योग भी बना है जो कि 18 अगस्त को 8.41 मिनट से 19 अगस्त को रात 8.59 मिनट तक रहेगा। वहीं वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 8. 56 मिनट से आरंभ होकर 18 अगस्त को 8.41 मिनट तक रहेगा। माना जा रहा है कि जन्माष्टमी पर वृद्धि योग में पूजा करने से आपके घर की सुख संपत्ति में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का वास होता हे।
आज हर जगह मनाई जाएगी जन्माष्टमी
जन्माष्टमी का यह पर्व श्रीकृष्ण जन्मस्थान समेत ब्रज सहित द्वारिकाधीश मंदिर, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर समेत समूचे ब्रज में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जन्मोत्सव 19 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस बार कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं। 18 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 21 मिनट के बाद अष्टमी तिथि का आरंभ हो जाएगी। जो 19 अगस्त को रात्रि 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। जबकि रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 19 अगस्त को रात्रि 1 बजकर 54 मिनट से होगा। इस दिन उदया तिथि में अष्टमी तिथि रहेगी और रात्रि 10.59 के बाद नवमी तिथि लग जाएगी। इस दिन अष्टमी और नवमी दोनों रहेंगी। साथ उस दिन कृतिका नक्षत्र बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र देर रात 1.53 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा। इसलिए इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी नहीं रहेगा। ऐसे में 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी तिथि के अनुसार
जन्माष्टमी पर्व भाद्र कृष्ण अष्टमी 18 अगस्त को शाम 9.21 से शुरु होगा। तो भाद्र कृष्ण अष्टमी समाप्त 19 अगस्त को रात 10.59 बजे होगा। निशीथ काल 18 अगस्त 12. 3 से 12. 47 तक रहेगा तो जन्माष्टमी व्रत 19 अगस्त को रहेगा। जन्माष्टमी इस साल 2 दिन मनाई जाएगी। 18 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाई गई। स्मार्त संपद्राय के लोग यानी गृहस्थजन मनाएंगे और 19 अगस्त को वैष्णव समाज के लोग यानी कि साधू-संत जन्माष्टमी मनाएंगे। अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त को शाम 9.21 मिनट से होगा। जो कि 19 अगस्त को 10.59 मिनट तक रहेगी।