मंदसौर

57 मिनिट में मंदसौर से रतलाम पहुंची ट्रायल ट्रेन, 110 की स्पीड से दौड़ा इलेक्ट्रीक इंजन

57 मिनिट में मंदसौर से रतलाम पहुंची ट्रायल ट्रेन, 110 की स्पीड से दौड़ा इलेक्ट्रीक इंजन

मंदसौरSep 09, 2019 / 01:50 pm

Nilesh Trivedi

57 मिनिट में मंदसौर से रतलाम पहुंची ट्रायल ट्रेन, 110 की स्पीड से दौड़ा इलेक्ट्रीक इंजन

मंदसौर.
रतलाम रेल मंडल में रविवार को जावरा से मंदसौर ५० किमी सेक्शन का सीआरएस ने बिजली इंजन का स्पीड ट्रायल वे अमले के साथ रलताम रवाना हुए। इसमें इलेक्ट्रीक इंजन से ११० की स्पीड से इंजन इस ट्रेक पर दौड़ा। बाद में सीआरएस ने कहा कि निरीक्षण अच्छा रहा और जल्द इस ट्रेक पर इलेक्ट्रीक इंजन चलेगा। निरीक्षण में कुछ मुद्दों पर सुधार के निर्देश दिए जो पखवाड़े में सुधारना होंगे। अब मंदसौर-नीमच के बीच काम पूरा होने के बाद इंदौर से रतलाम होकर नीमच तक इलेक्ट्रीक इंजन से यात्री गाडिय़ों का संचालन हो सकेगा।

सवाल पूछे तो बंगले झांकने लगे स्टेशन मास्टर व पूरा स्टॉफ
सीआरएस ने स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान देखा कि आपद स्थिति में अस्पताल से लेकर पुलिस कंट्रोल रुम व फायर सहित अन्य जगह के लेडलाइन नंबर का बोर्ड लगा। इस उन्होंने कहा कि आज कौन लैंडलाईन चलाते या उठाता है। सीआरएस के कहने पर जब फोन अस्पताल के नंबर पर लगाया तो नहीं लगा। इस पर दर्ज नंबरों के अधिकारियों के मोबाईल नंबर भी अंकित करने के निर्देश दिए।
जब उन्होंने स्टेशन मास्टर से पूछा की फोन नहीं लग रहा केजूवल्टी की स्थिति में तो आप क्या करेंगे। स्टेशन मास्टर ने जवाब दिया कि आदमी को भेजेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि आपके पास क्या हजार आदमी है जो हर एक काम के लिए भेज देंगे। इसके बाद रेल लाईन के बने चार्ट को देखते हुए पूछा की बिजली से लाईन के दौरान प्राब्लम होने पर कहा से ट्रेन आगे बढ़ाओंगे। डायग्राम और इसमें अंकित कलर के आधार पर पूछा तो भी जवाब नहीं दे पाए। निरीक्षण के दौरान स्थानीय अधिकारियों को फटकार भी लगाई। इसके पहले डीआरएम सहित पूरी टीम को लेकर पहले प्लेटफॉर्म का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अर्थिंग पाईंट चेक कर पोल व लाईन के पोल व प्लेटफॉर्म क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए। यात्री प्रतीक्षालय और टिकिट काउंटर क्षेत्र में पहुंचे तो अंधेरा देख भड़क गए और लाईट लगवाने की कहा।
आनन-फानन में लाईटें चालू की गई। निरीक्षण के दौरान जब मौजूद कर्मचारी हर एक बात पर सफाई दे रहे थे। इस पर डीआरएम ने कहा कि आप लोग वह सुन लो जो साहब बोल रहे है। बाद में इस पर काम करना है। अधिकारियों के आने के बाद स्टेशन पर पूरे समय इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने और विद्युत लाईन से सावधान रहने का एलाउंस भी शुरु किया गया।

शिवना-पुल के पहले उतरे स्टेशन पर पैदल पहुंचे सीआरएस व डीआरएम
मंदसौर स्टेशन पर सीआरएस का अमला निर्धारित समय से एक घंटा देरी से पहुंचा। । मंदसौर पहुंचने से पहले ही शिवना नदी पर बने पुल के यहां सीआरएस व डीआरएम सहित कई अन्य अधिकारी उतर गए। यहां पानी अधिक आने और करंट फैलने की स्थिति में सुरक्षा इंतजामों के साथ ही अन्य बिंदुओं पर जांच की। यहां से फिर ट्रेक से होकर ही पैदल-पैदल ही स्टेशन तक पहुंचे। इस दौरान आवश्यक निर्देश दिए।

इलेक्ट्रिफिकेशन निरीक्षण पर सीआरएस का टाईमिंग
सीआरएस-डीआरएम सहित टीम सुबह करीब ९.०५ बजे रतलाम से डीजल इंजन की गाड़ी से रवाना हो ९.४५ बजे जावरा पहुंचे। जावरा से निरीक्षण शुरु हुआ। यहां से १०.२० बजे चले। १०.४० बजे ढोढर स्टेशन पहुंचे। यहां से ११.५५ बजे चले। दोपहर १.२० बजे दलोदा स्टेशन पहुंचे। इसके बाद ४.१० बजे यहां से चले। और मंदसौर ४.२० बजे पहुंचे। निर्धारित समय अनुसार ५.१० बजे इलेक्ट्रीक इंजन के साथ ११० की स्पीड से रतलाम ट्रेन से जाना था। लेकिन निरीक्षण के बाद पूरा अमला पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंच गया। ६ बजे बाद ट्रेन से फिर रतलाम के लिए रवाना हुए। जानकारी अनुसार सीआरएस के निरीक्षण रिपोर्ट मुंबई जीएम कार्यालय जाएगी। टीम यहां से जाने के बाद एक-एक ङ्क्षबदु पर सोमवार को रिपोर्ट तैयार कर मंगलवार को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके आधार पर दिए गए निर्देशों को पखवाड़े में करना होगा।

सीआरएस के साथ यह भी थे
सेफ्टी कमीश्नर (सीआरएस) एके जैन, डीआरएम आरएन सुनकर के साथ ही रतलाम मंडल की तकनीकि सहित पूरी टीम और मुंबई से रेलवे की टीम सहित करीब २०० से अधिक अधिकारी-कर्मचारी एक साथ निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। शाम को ६.१५ बजे इलेक्ट्रीक इंजन से रतलाम रवाना होने से पहले सीआरएस व डीआरएम ने इलेक्ट्रीक इंजन की पूजा अर्चना की। इसके बाद ट्रेन में सवार हुए।

अचानक बदला प्लेटफॉर्म तो यात्रियों को लगाना पड़ी ट्रेक पर दौड़
रतलाम से चलकर उदयपुर जाने वाली यात्री गाड़ी शाम को ७ बजे मंदसौर पहुंचने के दौरान यात्रियों को रेलवे ट्रेक पर दौड़ लगाना पड़ी। दरअसल, प्रतिदिन यह यात्री गाड़ी प्लेटफॉर्म नंबर १ पर आती है। ऐसे में यात्री यही इंतजार कर रहे थे, लेकिन यहां सीआरएस के अमले की स्पेशल ट्रेन खड़ी थी। ऐसे में गाड़ी आने से पहले अचानक १० मिनिट पहले एलाउंस कर गाड़ी प्लेटफॉर्म नंबर २ पर आने की सूचना दी तो बारिश के बीच यात्रियों को रेलवे ट्रेक पार करते हुए दौड़ लगाकर जान जोखिम में डालकर प्लेटफॉर्म नंबर २ पर जाना पड़ा। इस बीच पूरे समय २५ हजार वोल्ट की लाईन से सावधानी का एलाउंस चल रहा था। इसके कारण यात्रियों को अंतिम समय में यह सूचना दी गई।

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