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स्वाइन फ्लू के दो संदिग्ध आए सामने, जिले में किया अलर्ट जारी

locationमंदसौरPublished: Aug 22, 2019 04:01:20 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

स्वाइन फ्लू के दो संदिग्ध आए सामने, जिले में किया अलर्ट जारी

mandsaur news

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मंदसौर.
जिले में दो अलग-अलग स्थानों से दो स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज सामने आए है। दोनों वर्तमान में जिलामुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती है। दोनों मरीजों की जांच सीएमएचओ कार्यालय द्वारा एम्स मेडिकल कॉलेज भोपाल भेजी गई है। तीन दिन में लगातार स्वाइन फ्लू के संदिग्ध आने से स्वास्थ्य अधिकारियों के सिर पर चिंता की लकीरें खींच गई है। और सीएमएचओ ने अलर्ट जारी कर दिया है। क्योंकि स्वाइन फ्लू का वायरस ठंड में ही अधिक प्रभावशील रहता है। ऐसे में इस मौसम में बहुत कम यह वायरस काम करता है। वहीं मलेरिया का भी एक मरीज सामने आया है। हंालाकि विभाग द्वारा भारी बारिश के बाद लगातार दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है।
आईडीएसपी यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार दो स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों के सेंपल भोपाल भ्ेाजे है। इनमें से एक दलौदा निवासी ७५ वर्षीय और दूसरा मरीज सूठी निवासी २६ वर्षीय युवक है। दोनों का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है। यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार दोनों की जांच रिपोर्ट शुक्रवार शाम तक आ जाएगी।
दो साल में १६ की हो चुकी मौत
जानकारी के अनुसार जिले में स्वाइन फ्लू हर साल फैलता है। गत साल करीब १६ लोग स्वाइन फ्लू की जद में आए थे। जिसमें से ७ मरीजों की मौत हो गई थी। वहीं उससे पहले २०१७ में ४७ लोगों को स्वाइन फ्लू हुआ था। जिसमें से ९ मरीजों की मौत हो गई थी। स्वाइन फ्लू का वायरस सबसे अधिक ठंड में घातक होता है। और तेजी से फैलता है। बारिश के मौसम में स्वाइन फ्लू का वायरस कम घातक होता है। ऐसे में संदिग्ध मरीजों के सामने आने से अधिकारी चिंतित हो गए है। स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग है। जो एक विशिष्ट प्रकार के एंफ्लुएंजा वाइरस एच-1 एन-1 के द्वारा होता है।
यह होते स्वाइन फ्लू के लक्षण
प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं। जैसे नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द, कभी.कभी दस्त उल्टी आना। कम उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को यह तीव्र रूप से प्रभावित करता है। इसका संक्रमण रोगी व्यक्ति के खांसने, छींकने आदि से निकली हुई द्रव की बूंदों से होता है। रोगी व्यक्ति मुंह या नाक पर हाथ रखने के पश्चात जिस भी वस्तु को छूता है, पुन उस संक्रमित वस्तु को स्वस्थ व्यक्ति द्वारा छूने से रोग का संक्रमण हो जाता है। संक्रमित होने के पश्चात 1 से 7 दिन के अंदर लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
यह है बचाव के तरीके
खांसी, जुकाम, बुखार के रोगी दूर रहें। आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को साबुन एंटीसेप्टिक द्रव से धोकर साफ करें। खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें। सहज एवं तनावमुक्त रहिए। तनाव से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। स्टार्च आलू, चावल आदि तथा शर्करायुक्त पदार्थों का सेवन कम करिए। इस प्रकार के पदार्थों का अधिक सेवन करने से शरीर में रोगों से लडऩे वाली विशिष्ट कोशिकाओं न्यूट्रोफिल्स की सक्रियता कम हो जाती है। दही का सेवन नहीं करें, छाछ ले सकते हैं। खूब उबला हुआ पानी पीएंं व पोषक भोजन व फलों का उपयोग करें। सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भीड़भाड़ से बचें एवं घर पर ही रहकर आराम करते हुए उचित लगभग 7-9 घंटे नींद लें।
इनका कहना…..
बाढ़ के बाद खतरनाक बीमारियों की होने की संभावनाएं अधिक रहती है। स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज सामने आए है। जिले में अलर्ट जारी किया है। मलेरिया, डेंगू के जहां भी मरीज सामने आए है। वहां पर सर्वे करवाया गया है। और मलेरिया को लेकर दवाई का छिड़काव किया जा रहा है।
डॉ एके मिश्रा, सीएमएचओ।
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