गांव के लाला पठान ने कलेक्टर को पानी की समस्या को लेकर आवेदन दिया तो कलेक्टर के आदेश के बाद यहां नलकूल लगा था। इसमें पानी भी निकला लेकिन पंचायत इसका पानी भी नईआबादी की बजाए गांव में ले जाने पर आमदा है। इसी कारण गा्रमीणों ने यह विरोध किया। नलकूप से पाईप लाईन लाने के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर लाईन डाली। लेकिन सचिव मुन्नालाल पाटीदार का फोन क्षेत्र के भेरुलाल राठौर के पास आया और कहा कि लाईन पहले गांव में जाएगी। इसी से नईआबादी क्षेत्र के लोगों में आक्रोश बढ़ा और पंचायत से नाराज होकर सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन किया। नईआबादी क्षेत्र की महिलाओं व अन्य लोगों ने कहा कि पंचायत हर बुनियादी सुविधा के साथ सरकार की हर योजना में नईआबादी के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है।
पानी के खाली बर्तन लेकर सडक़ों पर बैठी महिलाएं
करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन में हजारों की संख्या में ग्रामीण सडक़ों पर जमा हो गए। यहां महिलाएं भी घरो से पानी के खाली बर्तन लेकर सडक़ों पर उतरी और बैठ गई। मौके पर आए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ ही पंचायत के जवाबदारों को ग्रामीणों ने सडक़ पर सभी के बीच समस्या सुनाई और लोगों की सुनवाई नहीं करने की बात भी की। १५ दिन में पंचायत ने समस्याओं के निराकरण का अधिकारियों की मौजूदगी में लिखित में दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
5 किमी तक की लग गई लंबी लाईन
्रग्रामीणों के सडक़ पर जाम और प्रदर्शन के दौरान सीतामऊ हाईवे मार्ग पर दोनों और करीब ५ किमी तक की लंबी लाईन लग गई। यहां दोपहिया से लेकर चारपहिया वाहनों को तक नहीं गुजरने दिया। ३ बजे बाद जब जाम खुला तो करीब एक घंटा तो यातायात को सामान्य होने में ही लग गया। ग्रामीणों के प्रदर्शन के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले कई लोगों को परेशान होना पड़ा।