मंदसौर के शिक्षा अधिकारियों ने क्यों बनाई स्कूलों से दूरी…पढ़े यहां
मंदसौरPublished: Aug 30, 2019 05:06:29 pm
मंदसौर के शिक्षा अधिकारियों ने क्यों बनाई स्कूलों से दूरी…पढ़े यहां
मंदसौर.
सरकारी स्कूलों में कैसे अध्यापन का कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर जनशिक्षकों तक के निरीक्षण तय कर रखे है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि तय निरीक्षण भी नहीं कर पा रहे है। ऐसा नहीं कि आलाअधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। बावजूद इसके अभी तक इन अधिकारियों पर ना तो सख्त कार्रवाई की गई और ना ही स्कूलों में निरीक्षण के लिए निर्देशित किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी आरएल कारपेंटर को १८ निरीक्षण माह भर में करना है। वहीं डाइट प्राचार्य को ६, बीआरसी को १६, जनशिक्षकों को २०-२० और एपीसी को १६ निरीक्षण करना है। जब इन सभी अधिकारियों की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से ली तो आश्र्चचकित करने देने वाली जानकारी सामने आई है।
जिले में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी के पास है। जिला शिक्षा अधिकारी आरएल कारपेंटर ने ही १८ निरीक्षण में से केवल १२ निरीक्षण किए है। वहीं जिले में पांच बीआरसी है। जिसमें भानपुरा बीआरसी प्रवीण व्यास, गरोठ बीआरसी बीके रत्नावत, सीतामऊ बीआरसी ङ्क्षपकी मंसूरी, मंदसौर बीआरसी मनीष गौड़ एवं मल्हारगढ़ बीआरसी को १६-१६ निरीक्षण करने थे। अभी तक सभी बीआरसी ने केवल १० निरीक्षण किए है। जबकि ८० निरीक्षण कुल करना थे। वहीं जिले में जनशिक्षा केंद्र ७१ है। और ७१ जनशिक्षक है। इन सभी को २०-२० निरीक्षण कर स्कूलों की रिपोर्ट देना थी। लेकिन केवल १५८ निरीक्षण इन अधिकारियों के द्वारा किए गए है। वहीं चार एपीसी है। वर्तमान में पद रिक्त है।
इनका कहना….
जिला शिक्षा अधिकारी आरएल कारपेंटर ने कहा कि जिन शिक्षा अधिकारियों के द्वारा तय निरीक्षण मेंं से ५० फीसदी निरीक्षण नहीं किए है उनको सभी को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिए गए है। और निर्देश दिए है कि तय निरीक्षण माह में करें और स्कूलों की रिपोर्ट दें।