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चीनी कंपनियों पर नकेल ऐसे कसेगी
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन एक ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रहा है, जिसमें चीनी कंपनियों पर ज्यादा से ज्यादा नकेल कसी जा सके। उन नियमों का एक ऐसा पहाड़ लादा जाए, जिससे वो अपने ही देश छोड़कर चली जाए। रिपोर्ट के अनुसार न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज या नैस्डैक जैसे अमरीकी शेयर बाजारों में लिस्टेड चीनी कंपनियां यूएस ऑडिटिंग रेगुलेटर्स के अधीन रखा जाएगा या फिर उन्हें शेयर बाजार से अनलिस्टेड कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार नियमों का पालन करने के लिए चीनी ऑडिटर्स को अकाउंटिंग डॉक्युमेंट्स अमरीकी सरकार के स्पेशल ऑडिट रेगुलेटरी पब्लिक कंपनी अकाउंटिंग इंसपेक्शन बोर्ड के शेयर करना होगा।
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नियमों का करना होगा पालन
अमरीकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री और सेक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन के सीनियर ऑफिशयल्स के हवाले से कहा गया है कि जो चीनी कंपनियां लिस्टेड नहीं हुई हैं, और अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं, उन्हें न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में लिस्टेड होने से पहले इन नियमों का पालन करना होगा। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंन और एसईसी के अध्यक्ष जे क्लेटन ने कहा जो भी सिफारिशें हैं ववो कांग्रेस के अनुरूप और बराबरी का हक देने वाली हैं।
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वर्ना बाजार से अनलिस्टेड हो जाएंगी कंपनियां
सीनेट में इस पस्ताव को कानून बना दिया गया है। कानून के अनुसार तीन साल के अंदर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो चीनी कंपनियों को शेयर बाजार से हटा दिया जाएगा। बता दें ट्रंप की ओर से टिकटॉक और वीचैट चीनी ऐप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाने के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर दिए हैं। पैरेंट कंपनी बाइटडास को 15 सितंबर तक का समय दिया गया है। इससे पहले भारत टिकटॉक और वीचैट समेत 106 चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुका है।