इसलिए सरकार उठा सकती है इतना बड़ा कदम ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के विश्लेषक विशाल कुलकर्णी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के कारण उपभोक्ताओं पर दबाव पड़ रहा है और यदि इनमें कमी नहीं होती है तो महंगाई बढ़ सकती है। कुलकर्णी का कहना है कि अगले 12 महीने में केंद्र सरकार को कई राज्यों के साथ लोकसभा चुनावों का सामना करना है। एेसे में महंगाई बढ़ने की संभावना को टालने के लिए केंद्र सरकार फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण में ले सकती है।
अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकती है सरकार हालांकि, रेटिंग एजेंसी के विश्लेषक विशाल कुलकर्णी का कहना है कि उन्हें भारत में 2014 से पहले के सब्सिडी तंत्र के वापस लौटने की उम्मीद नहीं है। कुलकर्णी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के कारण बढ़ने वाली महंगाई को रोकने के लिए केंद्र सरकार दूसरे कदम उठा सकती है। इनमें अन्य तरीकों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी लाना भी शामिल है। आपको बता दें कि पेट्रोल को 2010 और डीजल को 2014 की सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया था।