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डेढ़ साल बाद 50 डाॅलर प्रति बैरल नीचे आया क्रूड आॅयल, अब आेपेक लेगा बड़ा फैसला

Published: Dec 26, 2018 02:49:21 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

बुधवार को क्रूड आॅयल के दाम 50 डाॅलर प्रति बैरल से नीचे आ चुका है। यह दाम जुलार्इ 2017 के बाद सबसे कम है। जिसकी वजह से देश आेपेक देशों आैर क्रूड आॅयल से जुड़ी वहां कंपनियों को बड़ा डर सताने लगा है।

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डेढ़ साल बाद 50 डाॅलर प्रति बैरल नीचे आया क्रूड आॅयल, अब आेपेक लेगा बड़ा फैसला

नर्इ दिल्ली। बुधवार को क्रूड आॅयल के दाम 50 डाॅलर प्रति बैरल से नीचे आ चुका है। यह दाम जुलार्इ 2017 के बाद सबसे कम है। जिसकी वजह से देश आेपेक देशों आैर क्रूड आॅयल से जुड़ी वहां कंपनियों को बड़ा डर सताने लगा है। जिसकी वजह से आेपेक देश अब नया बड़ा एेलान कर सकते हैं। यह एेलान आॅयल प्रोडक्शन को लेकर हो सकता हैै। जानकारों की मानें तो अगले चार से पांच दिनों में आेपेक देश आॅयल प्रोडक्शन में कटौती की यूनिट को आैर बढ़ा सकते हैं। ताकि सप्लार्इ कम होने आैर डिमांड बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो सके।

50 डाॅलर प्रति बैरल से नीचे आया क्रूड
लंदन में जुलाई 2017 के बाद पहली बार कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गई। ऐसा दुनियाभर के फाइनैंशल मार्केट्स में जारी उतार-चढ़ाव के कारण हुआ है। जिसकी वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल आैर डीजल के दाम में कटौती देखने को मिल सकती है। बुधवार को पेट्रोल आैर डीजल के दाम में कोर्इ बदलाव देखने को नहीं मिला है। पिछले दो दिनों में पेट्रोल के दाम में कोर्इ बदलाव नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो क्रूड में कटौती के कारण पेट्रोल आैर डीजल के दाम में कटौती देखने को मिल सकती है।

आेपेक देश ले सकते हैं बड़ा फैसला
जानकारों के अनुसार क्रूड आॅयल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट की वजह से आेपेक देश चिंता में पड़ गए हैं। अब उन्हें आॅयल प्रोडक्शन में घाटा होने लगा है। आेपेक देशों में कुछ देश तो एेसे हैं जिनकी इकोनाॅमी क्रूड आॅयल पर निर्भर हैं। एेसे में अब आेपेक देश आॅयल प्रोडक्शान में आैर ज्यादा कटौती का निर्णय ले सकते हैं। वास्तव में इसी महीने रूस की सहमति के साथ आेपेक देशों ने क्रूड आॅयल के प्रोडक्शन में कटौती का फैसला लिया था। जिसके तहत पेक और उसके पार्टनर्स के बीच 12 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन में कटौती पर सहमति बनी, जिसमें से 8 लाख बैरल की कटौती अकेले ओपेक देश करेंगे। आेपेक और उसके सहयोगी देश बीच 12 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन में कटौती पर सहमति बनी, जिसमें से 8 लाख बैरल की कटौती अकेले ओपेक देश करेंगे। अब यह कटौती आैर भी बढ़ सकती है। यह अब कटौती 15 से 18 लाख बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है। जिससे सप्लार्इ कम होने आैर डिमांड बढ़ने से क्रूड आॅयल के दाम बढ़ेंगे। देशों आैर उनकी कंपनियों को फायदा होगा।

हो रहा है घाटा
एंजेल ब्रोकिंग के वाइस प्रेसीडेंट अनुल गुप्ता के अनुसार क्रूड आॅयल के दाम कम होने के कारण आेपेक देशों को नुकसान हो रहा है। जब तक क्रूड आॅयल के दाम 66 डाॅलर के आसपास नहीं होते हैं तब तक आेपेक देशों को क्रूड आॅयल के प्रोडक्शन में फायदा नहीं होता है। एेसे में वो क्रूड आॅयल के प्रोडक्शन में आैर भी ज्यादा कटौती का एेलान कर सकते हैं ताकि अपने नुकसान को कम कर सके। आपको बता दें कि आेपेक देशों के आॅयल प्रोडक्शन की कटौती नियम एक जनवरी से लागू हो रहा है। एेसे में तब से पेट्रोल आैर डीजल के दाम में इजाफा हो सकता है।

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