Published: Nov 24, 2018 12:46:59 pm
Saurabh Sharma
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 13 महीनों में सबसे निचले स्तर पर आ गर्इ है। जिसका फायदा घरेलू स्तर पर आम लोगों को तो हो रहा है, लेकिन आेपेक देशों की नीदें उड़ गर्इ है।
कच्चे तेल की कीमत 13 महीनों में सबसे कम, अब आेपेक कम करेगा प्रोडक्शन
नर्इ दिल्ली। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 13 महीनों में सबसे निचले स्तर पर आ गर्इ है। जिसका फायदा घरेलू स्तर पर आम लोगों को तो हो रहा है, लेकिन आेपेक देशों की नीदें उड़ गर्इ है। कच्चे तेल की कीमतें की सबसे बड़ी वजह है कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी होना। अब आेपेक देशों ने तेल के उत्म्पादन में कटौती करने का मन बना लिया है। जिसके बाद तेल के दाम में इजाफा हो सकता है। आपको बता दें कि नवंबर माह में पिछले 4 साल में एक महीने में सबसे ज्यादा दाम गिरे हैं।
आेपेक कम करेगा उत्पादन
मौजूदा समय में कच्चे तेल का प्रोडक्शन आैर आपूर्ति मांग के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। जिसकी अगुवार्इ अमरीका कर रहा है। अब इंटरनेशनल मार्केट में तेल आपूर्ति ज्यादा ना हो जाए इसके लिए आेपेक देश एक अहम कदम उठाने जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार आेपेक देश तेल की उत्पादन में कमी करने का मन बना रहे हैं। आने वाले 6 दिसंबर को आेपेक देशों की बैठक होनी है। जिसमें सदस्य देश उत्पादन घटाना शुरू कर देंगे।
कच्चे तेल की कीमतों में 20 फीसदी की गिरावट
नवंबर में अभी तक कच्चे तेल की कीमत में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गर्इ थी। यह दाम अक्टूबर 2017 के बाद से सबसे निचला है। वहीं इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक इस साल अकेले गैर-ओपेक देशों का ही तेल उत्पादन 23 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ा है। अगले साल तेल की मांग में 13 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ोतरी का अनुमान है। कम मांग के अनुरूप उत्पादन करने के लिए सऊदी अरब ने गुरुवार को कहा कि वह तेल की आपूर्ति घटा सकता है। सऊदी अरब आेपेक को संयुक्त रूप से उत्पादन में 14 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती के लिए राजी कर रहा है।