उत्पादन में कटौती से बढ़े कच्चे तेल के भाव
ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने की उम्मीदों और ओपेक देशों और रूस द्वारा 12 लाख बैरल रोजाना तेल के उत्पादन में कटौती के कारण नए साल में कच्चे तेल के दाम में लगातार तेजी देखी जा रही है, जोकि आगे भी जारी रह सकती है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (ऊर्जा व मुद्रा बाजार शोध) अनुज गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि कच्चे तेल में मिल रहे तेजी के रुझान से कीमतों में और इजाफा होने की पूरी संभावना है।
65 डाॅलर प्रति बैरल को पार कर सकता है ब्रेट क्रुड का भाव
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 65 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर सकता है और डब्ल्यूटीआई का भी भाव 58 डॉलर प्रति बैरल को पार कर सकता है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ब्रेंट क्रूड का भाव जल्द ही 62 डॉलर प्रति बैरल को पार सकता है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह द्वारा बाजार में दोबारा संतुलन लाने का बयान देने के बाद इस सप्ताह कच्चे तेल के भाव को सपोर्ट मिला है।
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमेाडिटी एक्सचेंज पर अपराह्न 15.50 बजे कच्चे तेल के जनवरी एक्सपायरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 70 रुपये यानी 1.90 फीसदी की तेजी के साथ 3,748 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान भाव 3,764 रुपये तक उछला। वहीं, फरवरी एक्सपायरी अनुबंध में 70 रुपये यानी 1.88 फीसदी की तेजी के साथ 3,785 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था और कारोबार के दौरान ऊंचा स्तर 3,798 रुपये प्रति बैरल रहा।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का मार्च डिलीवरी सौदा 0.65 फीसदी की तेजी के साथ 62.08 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि कारोबार के दौरान 62.48 डॉलर प्रति बैरल तक का उछाल आया। न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई का फरवरी अनुबंध 0.86 फीसदी की बढ़त के साथ 53.04 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, इससे पहले कारोबार के दौरान भाव 53.31 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक उछला।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन वृद्धि दर्ज की गई। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण के लिए 16 जून 2017 को गतिशील कीमत निर्धारण व्यवस्था यानी डायनामिक प्राइसिंग मेकनिज्म लागू होने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में होने वाले परिवर्तन के अनुसार रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव होता है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां इससे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मेकनिज्म के तहत हर पखवाड़े पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करती थीं।
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