तेल के दाम में आगे भी जारी रह सकता है बढ़त
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनजी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने एक न्यूज एजेंसी कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंड क्रूट का भाव जल्द ही 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छू सकता है और डब्ल्यूटीआई का भाव भी 50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर सकता है।” उन्होंने कहा कि बहरहाल तेल के लिए सभी कारक सकारात्मक हैं, इसलिए कीमतों में और बढ़त की पूरी गुंजाइश है। अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 57 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया है और डब्ल्यूटीआई भी 48 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चल रहा है।
आेपेक आैर सहायक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का लिया था फैसला
गुप्ता ने कहा, “ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सर्पोटिंग कंट्रीज (ओपेक) और गैर-ओपेक तेल उत्पादक रूस ने तेल के दाम में गिरावट को थामने के लिए पिछले महीने 12 लाख बैरल रोजाना कटौती करने की घोषणा की थी, जो एक जनवरी से लागू है। इसके अलावा, अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक मुद्दों को लेकर टकराव की स्थिति में सुधार होने से तेल की खपत बढ़ने की उम्मीद है। लिहाजा, तेल के दाम में तेजी का रुख है।” उन्होंने कहा कि गुरुवार को अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यटू की जो रिपोर्ट आई है उसमें पिछले सप्ताह अमेरिका में तेल के भंडार में 45 लाख बैरल की कमी बताई गई है, जिससे तेल की कीमतों को सपोर्ट मिला है।
वायदा बाजार में भी तेजी का रुख
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी से शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार में भी लगातार तेजी का रुख बना रहा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर भारतीय समयानुसार शाम 16.39 बजे कच्चे तेल का जनवरी वायदा अनुबंध 70 रुपये यानी 2.13 फीसदी की बढ़त के साथ 3,355 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान भाव 3,377 रुपये प्रति बैरल तक उछला।
वहीं, विदेशी वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बेंट क्रूड के मार्च डिलीवरी अनुबंध में 2.23 फीसदी की तेजी के साथ 57.20 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के फरवरी डिलीवरी अनुबंध में 2.02 फीसदी की बढ़त के साथ 48.04 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। अनुज गुप्ता ने कहा कि अमरीकी एजेंसी इनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) द्वारा शुक्रवार को जारी किए जाने वाले आंकड़ों में अगर कच्चे तेल के भंडार में ज्यादा कमी होगी तो तेल के दाम को और सपोर्ट मिलेगा।
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