दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने की सरकार तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन सब बेअसर साबित हो रही हैं।
जयपुर। महंगे प्याज ने पहले ही रसोई का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान पर पहुंच गई है। दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने की सरकार तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन सब बेअसर साबित हो रही हैं। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से दाल आयात करने का फैसला किया, लेकिन अब तक आयात नहीं हो पाया। इसके चलते घरेलू बाजार में दाल महंगी हो रही है।
140 रु . किलो हुई अरहर
जयपुर में अरहर की दाल 140 रुपए प्रति किलो बिक रही है, जबकि पिछले साल इन्ही दिनों अरहर की कीमत 75-80 रुपए प्रति किलो थी। इसी तरह मसूर की दाल 100-110 रुपए प्रति किलो है, जो पिछले साल 50-60 रुपए प्रति किलो थी। वहीं मूंग की दाल 95-110 रुपए प्रति किलो बिक रही है, जबकि पिछले साल यह 80 रुपए प्रति किलो थी।
50 फीसदी बढ़े भाव
पिछले साल के मुकाबले दाल के भाव करीब 45 से 50 फीसदी ज्यादा हैं। चना दाल भी 65 रुपए प्रति किलो ग्राम बिक रही है।
महंगाई थामने के लिए 5,000 टन दाल का आयात
खुले बाजार में दालों के दाम 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और महंगाई थामने के लिए 5,000 टन अतिरिक्त अरहर दाल के आयात का फैसला किया है। सरकार ने कहा कि 10,000 टन अरहर और उड़द दाल के आयात की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और इसकी पहली खेप 23 सितंबर तक पहुंच जाएगी। चना दाल को छोड़कर बाकी सभी दलहनों की खुदरा कीमतें देशभर में 100 रुपए किलो से ऊपर चल रही हैं। सर्वाधिक वृद्धि अरहर और उड़द दाल में देखी गई है।
जारी होगा टेंडरउपभोक्ता मामले सचिव सी. विश्वनाथ ने कहा, ‘एक उच्चस्तरीय बैठक में हमने दलहनों की उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 5,000 टन अतिरिक्त अरहर दाल के आयात का फैसला किया है। एमएमटीसी इस बारे में जल्द ही ग्लोबल टेंडर जारी करेगी।