ऑनलाइन लोन लेने का चलन बढ़ा
फेयरसेंट डॉट कॉम के फाउंडर रजत गांधी का कहना है कि नोटबंदी के बाद बैंक की क्रकेडिट में गिरावट आई है। जिसके चलते ऑनलाइन लोन लेने का चलन बढ़ा है। बिना खाते वाले ग्राहकों का एक बड़ा हिस्सा सिस्टम में आने से कंपनियों को फायदा मिला है। लोनबुक 130 से बढक़र ४०० हुआ।
कारोबार प्रभावित
क्लियर टैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि नोटबंदी से शुरूआत में कारोबार खासा प्रभावित हुआ । खासकर असंगठित क्षेत्रों में तो इसका बहुत बुरा असर दिखा। शुरूआत के 1 हफ्तों में तो कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ।
डिजिटल स्कीम को बूस्ट मिला कैश करो.कॉम की को फाउंडर स्वाति भार्गव के मुताबिक नोटबंदी के शुरुआती दिनों में कारोबार में कुछ गिरावट दर्ज की गई लेकिन जल्द ही इससे उबर गए। भार्गव के मुताबिक नोटबंदी से सरकार की डिजिटल स्कीम को बूस्ट मिला है और सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ी है। जिससे आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स सेक्टर में और तेज ग्रोथ देखने को मिलेगा।
मजबूरन लेन-देन के नये तरीके में ढलना पड़ा
लोनटैप के सीईओ सत्यम कुमार का कहना है कि नोटबंदी की घोषणा एक झटके में हुई, जिसने सारे सिस्टम को बदलकर रख दिया। ग्राहकों का मजबूरन लेन-देन के नये तरीके में ढलना पड़ा। लेकिन अब ये सिस्टम लोगों के साथ-साथ बैंकों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है। शायद यही वजह है कि बैंक अपने एटीएम और ब्रांच घटा रहे हैं। इस कदम से आनेवाले समय में बैंकों के एनपीए में भी कमी देखी जा सकेगी। जिससे आने वाले समय में बैंकों की समस्या कम होगी।
लेनदेन का एक नया विकल्प मिला
क्वाइन ट्राइब टेक्नॉलिजी के को- फाउंडर रोहित लोहिया का कहना है कि नोटबंदी ने ग्राहकों को लेनदेन करने का एक नया विकल्प प्रदान किया है। जिससे टैक्स रिफॉर्म समेत कई क्षेत्रों में अहम सुधार देखने को मिला है। कारोबारियों में सिस्टम में बदलाव को खुले दिल से स्वीकारा है।