इन सेक्टर पर पड़ेगा असर
सूत्रों के मुताबिक नेचुरल गैस के दाम को इस बार 3.06 डाॅलर प्रति MBTU (मिलियन ब्रिटीश थर्मल यूनिट) बढ़ जाएगा। मौजूदा समय में ये 2.89 डाॅलर प्रति एमबीटीयू हैंं। जो कि पिछली बार अक्टूबर 2017 में बढ़ाया गया था। इस बढ़ोतरी के नर्इ दर पिछले दो साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा। इसका असर देश के यूरिय मैन्यूफैक्चरिंग पर भी पड़ेगा जिसमें घरेलू गैस का प्रयोग किया जाता है। वहीं इसका दूसरा असर बिजली उत्पादन पर भी देखने को मिलेग। क्योंकि देश के कुल बिजली उत्पादन का 8 फीसदी उत्पादन नेचूरल गैस की मदद से होता है।
इन कंपनियों को होगा फायदा
हालांकि नेचुरल गैस के दामों में बढ़ोतरी से रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC को एक एेसे समय में फायदा होगा जब वो नए गैस फील्ड में करीब 10 बिलियन डाॅलर तक निवेश करने की तैयारी में हैं। इन सभी कंपनियों को अक्टूबर 2014 में नेचूरल गैस के लिए लागू किए गए नए प्राइसिंस सिस्टम के बाद परेशानियों का समाना करना पड़ा है। इसमें सबसे बड़ा फायदा ONGC को होगा।
NDA सरकार ने लागू किया था नया प्राइसिंग सिस्टम
इस नए प्राइसिंग सिस्टम को मौजूदा NDA सरकार ने अक्टूबर 2014 में लागू किया था। इसके अनुसार नेचुरल गैस के दाम को प्रति 6 माह में रिवाइज किया जाएगा। इसे अमरीका, रशिया, कनाडा जैसे देशों में होने वाले सरप्लस मार्केट के आधार पर तय किया जाएगा।