नए नियम के तहत अब इ-कॉमर्स कंपनियां एक्सपायरी डेट और अधिकतम खुदरा मूल्य के बिना अपने प्रोडक्ट्स नहीं बेच सकती है।
नई दिल्ली।नए नियम के तहत अब इ-कॉमर्स कंपनियां एक्सपायरी डेट और अधिकतम खुदरा मूल्य को लिखे बिना अपने प्रोडक्ट्स नहीं बेच सकती है। ये नए नियम ग्राहकों को पुराने उत्पादों को धोखे से बेचने से बचाव के लिए बनाया गया है।
उपभोक्ता मामला मंत्रालय ने लीगल मैट्रोलोजी(पैकेज्ड उत्पाद) नियम 2011 में बदलाव करते हुए इ-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन बाजार को इसके अंतर्गत ले आयी है। इन नए नियमों के तहत अब इ-कॉमर्स कंपनियों को उत्पादक देश और उनके ऑनलाइन प्रोडक्ट पेज को भी उत्पादों पर प्रदर्शित करना होगा। ये नियम 01 जनवरी 2018 से प्रभावी होंगे।
लीगल मैट्रोलोजी (पैकेज्ड उत्पाद) संशोधन नियम 2017 के अनुसार एक इ-कॉमर्स कंपनी यह सुनिश्चित करेगी की सभी अनिवार्य घोसणाए, जैसे किस महीने और वर्ष में वस्तु का निर्माण या पैक किया गया है और ई-कॉमर्स लेनदेन के लिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क को प्रदर्शित किया जाएगा। इन इ-कॉमर्स एंटिटी में सभी ग्रॉसरी प्लेटफार्म जैसे बिगबास्केट और ग्रॉफर्स भी शामिल होंगे।
अमेज़न का कहना है की, “हम अपने विक्रेता के साथ मिलकर यह सुनश्चित करते है की हु अपने ग्राहकों तक सुरक्षित खाद्य पदार्थ समय से पहुचाएं। हम अपने कर्मचारियों को इस बात के लिए ट्रेनिंग देते हैं की सभी खाद्य पदार्थों को बेहतर ढंग से जांच करके ही पैक करें ”
यह कदम खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा सिटीजन इंगेजमेंट प्लेटफार्म चर्चा करने के बाद लिया गया है। नए नियमों के तहत खाद्य पदार्थ फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट 2006 के विशेष विवरण के अंतर्गत आ जायेगा।