करीब 13.23 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में मिली मदद
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि साल 2016-17 में करीब 66.5 करोड़ लीटर एथेनाॅल को पेट्रोल के साथ ब्लेंड किया गया। इससे फाॅरेन एक्सचेंज में 1,749 करोड़ रुपये का असर देखने को मिला। वहीं इसका दूसरा फायदा ये हुआ कि करीब 13.23 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिली। राज्यसभा सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में प्रधान ने बताया कि सरकार के इस कदम से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। हम आपके इस बात के लिए सुनिश्चित करते हैं कि इस वजह से अनाज की कोई कमी नहीं होगी।
एथेनाॅल प्रोडक्शन को लेकर 4 मंत्रालय मिलकर लेंगे फैसला
इसपर सरकार के नजरिए को रखते हुए उन्होंने कहा कि, शुगर इंडस्ट्री पर दबाव तो था लेकिन दूसरी तरफ आयात बिल को भी बोझा झेलना पड़ रहा था। इसको लेकर सरकार की मंशा थी कि हम इसे नियंत्रित तो करें ही लेकिन इसके साथ ही किसानों के आय को भी दुगना किया जाए। उन्होंने बताया कि एथेनाॅल को गन्ने, चावल और सरप्लस मक्के से तैयार किया जाए। उन्होंने आगे बताया कि इसको लेकर कृषि, खाद्य, वित्त और पेट्रोलियम मंत्रालय मिलकर फैसला लेंगे। वहीं एक दूसरे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि खराब अनाज से शराब बनाने की भी अनुमति थी।