आर्थिक रफ्तार और रोजगार बढ़ाने पर होगा जोर
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, 25 सितंबर को ही गठित की गई EAC-PM की पहली बैठक की अध्यक्षता नीति आयोगके सदस्या बिबेक देबोरॉय करेंगे। वहीं इस बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम भी अर्थव्यवस्था के हालात पर प्रेजेंटेशन भी देंगे। सुब्रमणियम के इस प्रेजेंटेशन में आर्थिक रफ्तार बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर बनाने जैसे मुद्दों पर तात्कालिक हस्तक्षेप की जरूरतों पर भी बल दिया जाएगा। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि ईएसी नरेन्द्र मोदी को कोई बड़ा सुझाव शायद नहीं दे। बल्कि वह कौशल विकास, व्यापार-वाणिज्य, डिजिटल इकोनॉमी, कृषि, जैसे मसलों को चिन्हित करने उसके लिए कुछ करने की सलाह दे। इसके साथ अर्थव्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए एक तंत्र विकसित करने के बारें मे भी विचार विमर्श किया जा सकता है।
आईएमएफ ने बढ़ाया है चीन का आर्थिक विकास दर
गौरतलब है कि जहां एक तरफ, आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को घटाया है वहीं चीन के आर्थिक विकास के अनुमान को बढ़ाया है। आईएमएफ ने ये अनुमान जताया है कि, चीन की आर्थिक वुद्धि दर 2017 में 6.8 फीसदी रह सकता है। इसके पहले ये आंकड़ा 6.7 फीसदी बताया गया था। आईएमएफ ने दोनों देशों सें जुड़ा एक विरोधाभासी तथ्य भी सामने रखा। इस तथ्य के मुताबिक चीन ने बढ़त वैश्विक कर्ज की समस्या को नहीं संभाला तो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम बना रहेगा। वहीं भारत को लेकर आईएमएफ का मानना है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर ढांचागत सुधार किया है जिससे की भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही पटरी पर लौट सकती है और हो सकता है कि भविष्य में वही आठ फीसदी की वृद्धि दर पर विकास करे सकें।