scriptइन 5 बड़े कारणों से 2020 में भी जारी रहेगी सोने की चमक | Gold price will up in 2020 due to these reasons | Patrika News

इन 5 बड़े कारणों से 2020 में भी जारी रहेगी सोने की चमक

locationनई दिल्लीPublished: Nov 07, 2019 06:41:33 pm

Submitted by:

manish ranjan

फेड रिजर्व की ब्याज दरों पर रहेगी नजर
इंटरनेशनल शेयर बाजारों में अस्थिरता

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नई दिल्ली। सोना के दामों में सभी की दिलचस्पी रहती है। रोजाना आम आदमी से लेकर सर्राफा व्यापारी तक सोने की कीमत जानने के इच्छुक रहते है कि आज सोने के दाम कितने हो गए। सोने की कीमत कम हुई है या फिर ज्यादा। खुदरा बाजारा में सोने के रेट कितने हैं और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में पल पल बदलते दामों पर भी सभी की नजर रहती है। बात शुक्रवार की ही करें तो सोने के दाम दो महीने के बाद एक फिर से 40 हजार के पार चले गए। वहीं जानकार भी कह रहे हैं कि जिस तरह के हालात वैश्विक बाजारों में चल रहे हैं उससे 2020 में सोने के दाम को सपोर्ट ही करेंगे । यानी पीली धातू में कीमत 40 हजार प्रति दस ग्राम के पार भी जा सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि उन कारणों के बारे में कि सोना कितना आगे तक जा सकता है।
फेड रिजर्व की ब्याज दरों पर रहेगी नजर
बीते एक साल में अमरीकी फेड रिजर्व ने तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है। फेड अभी तक तक 75 आधार अंकों की कटौती कर चुका है। 11 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब फेड ने साल में तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है। वहीं फेड ने यह भी साफ किया है कि ब्याज दरों में कटौती आर्थिक आंकड़ों को देखकर की जाएगी। खास बात तो ये है कि आने वाले दिनों में रेट कट की संभावना तो है, लेकिन बढ़ोतरी की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में अगर भविष्य में ब्ययाज दरों में फेड कोई बदलाव नहीं भी करता है तो इंटरनेशनल मार्केट में सोने के दाम को सपोर्ट मिलेगा। जिसका असर भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के रूप कें दिखाई देगा।
इंटरनेशनल शेयर बाजारों में अस्थिरता
बीते कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजार अस्थिर दिखाई दे रहा है। अमरीका, जापान, चीन, हांगकांग तमाम बड़े बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहे रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का रुझान इंक्विटी बाजार की ओर कम हुआ है। उसका असर यह है कि पीली धातू में निवेश के तौर पर लोगों का रुझान बढ़ा है। एंजल ब्रोकिंग के वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च एंड कमोडिटी) अनुज गुप्ता के अनुसार आने वाले दिनों में इंटरनेशनल इक्विटी मार्केट में इसी तरह के हालात रहते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सोने की मांग में और इजाफा होने के आसार है। जिसका असर कीमतों में भी देखने को मिल सकता है।
इकोनॉमिक स्लोडाउन भी एक बड़ी वजह
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इकोनॉमिक स्लोडाउन के दौर से गुजर रही हैं। इसका सबसे ज्यादा असर अमरीकी अर्थव्यवस्था पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने आगे अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आर्थिक मंदी अपने चरम होने की संभावना है। जिसकी वजह से निवेश का सबसे अच्छा विकल्प सोना ही रहेगा। जिसकी वजह से सोने की कीमतों को सपोर्ट भी मिलेगा।
जियो पॉलिटिकल टेंशन
बीते कुछ समय से दुनियाभर में जियो पॉलिटिकल टेंशन देखने को मिली है। ब्रेग्जिट इसका ताजा उदाहरण है। साउथ और नॉर्थ कोरिया, चीन एवं हांगकांग, ईरान-अमरीका, साउथ चाइना सी जैसे तमाम उदाहरण सभी के सामने हैं जो जियो पॉलिटिकल टेंशन को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। जिसकी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में सोने की डिमांड बढ़ी है। इस तरह की टेंशन में कोई भी इंटरनेशनल मार्केट में सोने के अलावा किसी दूसरे विकल्प की ओर नहीं झांक रहा है। जिसके आगे भी जारी रहने की संभावना है। जिसका अयर यह होगा कि सोने के दाम में इजाफा होगा।
केंद्रीय बैंकों की गोल्ड रिजर्व पॉलिसी
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के आंकड़ों को देखें तो गोल्ड रिजर्व को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं। बात भारत की करें तो हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 22 फीसदी गोल्ड रिजर्व किया है। वहीं ग्लोबली यह आंकड़ा 15 फीसदी का है। एंजेंल ब्रोकिंग रिसर्च एंड कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता की मानें तो अब हर देश सोने को सहेजकर रखने के बारे में सोच रहा है। यहां तक कि सोना खरीद भी रहे हैं। ताकि आने वाले दिनों इसका सहारा मिल सके। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी उस बात को झुठलाया है जिसमें कहा गया था कि भारत ने सोने की बिक्री है।

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