इसलिए बंद होंगी रिफाइनरी दरअसल, सभी तेल कंपनियों को भारत स्टेज-6 (बीएस-6) ईंधन की आपूर्ति के लिए सभी रिफाइनरियों को अप्रैल 2020 तक अपग्रेड करना है। इसके लिए कंपनियों को अपनी रिफाइनरी 30-45 दिनों तक बंद करनी पड़ेंगी। रिफाइनरियों के बंद होने के कारण ईंधन की मांग और आपूर्ति पर असर पड़ेगा। इससे सरकार पर शोधित तेल आयात करने का दबाव बढ़ेगा। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के प्रमुख (रिफाइनरी) बीवी रामा गोपाल का कहना है कि अगला साल हमारे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है। गोपाल के अनुसार, भारत दुनियाभर का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, लेकिन अतिरिक्त शोधन भंडार होने के कारण गैसऑयल और गैसोलीन जैसे ईंधन का आयात बहुत ही कम होता है।
ये होगा असर – बीएस-6 अपग्रेडेशन के लिए सभी सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपी), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (एचपी), मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स अपनी रिफाइनरियों को 30 से 45 दिनों तक बंद रखेंगी।
– देश की सरकारी तेल कंपनियां कुल ईंधन का करीब 60 फीसदी हिस्सा शोधित करती हैं। – देश में रोजाना करीब 50 लाख बैरल ईंधन की जरुरत होती है। – सरकारी रिफाइनरियों के बंद होने से निजी कंपनियों से तेल उत्पादन की मांग बढ़ जाएगी।
– निजी कंपनियों से तेल खरीदना महंगा पड़ सकता है। यह लागत माल भाड़े की वजह से बढ़ती है।