अक्टूबर में हुए बैठक के दौरान जीओएम का गठन किया गया था। इस जीआएम को विभिन्नय श्रेणी के रेस्त्रां के टैक्स ढांचे पर एक बार फिर से विचार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और छत्तीसगढ़ के वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल को भी इस जीओएम का सदस्य बनाया गया था।
जीएसटी की अगली बैठक 9 नंवबर को होने वाली हैं। केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए 8,698 करोड़ रुपए को कोष जारी किया हैं। इस बैठक में कई और बातों की भी सिफारिशें की गई। जैसे जॉब वर्क में लगे मैन्यूफैक्चरर के एकमुश्ता योजना के फायदे मिल सके, दो राज्यों के बीच व्यापार करने वाली कंपनियंों को भी लाभ देने की बात दिया जा सके। ऐसा माना जा रहा है जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इन बातों पर मुहर भी लगाया जा सकता हैं।
कम्पोजिशन स्कीम उन करोबारियों के लिए है जिनका करोबार एक करोड़ रुपए से कम हैं। जीएसटी परिषद ने एक अक्टूबर से यह सीमा 75 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया था। इसके तहत रियायती दर पर टैक्स भुगतान करना होता हैं। टैक्सपेयर को मासिक आधार पर टैक्स देना होता है। इसके साथ ही इन्हे एक ही रिटर्न भरने की जरूरत होती हैं।