क्या है गड़बड़झाला
दरअसल बिटकॉइन में किसी भी तरह की रेग्युलेशन की वजह से घोटाले की आशंका जताई जा रही है। माडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मार से निवेशकों को बचाने के लिए जल्दी ही भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी बैठक कर सकते हैं। एजेंसियों को आशंका है कि रेग्युलेशन की कमी की वजह से इसका फायदा धोखाधड़ी करने वाले उठा सकते हैं।
दरअसल बिटकॉइन में किसी भी तरह की रेग्युलेशन की वजह से घोटाले की आशंका जताई जा रही है। माडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मार से निवेशकों को बचाने के लिए जल्दी ही भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी बैठक कर सकते हैं। एजेंसियों को आशंका है कि रेग्युलेशन की कमी की वजह से इसका फायदा धोखाधड़ी करने वाले उठा सकते हैं।
कैसे काम करता है बिटकॉइन बिटकॉइन की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक बिटकॉइन एक मोबाइल एप और कंप्युटर प्रोग्राम है जिसके द्वारा यूजर्स इसकी खरीद-बिक्री करते हैं। किसी भी वर्चुअल करेंसी को खरीदने के लिए उससे संबधित एप को डाउनलोड करना होता है। एप के जरिए आप इसका भुगतान करके इसे खरीद सकते हैं। हालांकि बिटकॉइन खरीद को भारतीय रिजर्व बैंक और सरकारी तरफ से कोई मान्यता नहीं दी गई है। रिजर्व बैंक की ओर से निवेशकों को साफ कर दिया वो अपने जोखिम पर भी इसकी खरीद-बिक्री करें। बिटकॉइन के पीछे इस्तेमाल की गई तकनीक जिसे ब्लॉकचैन कहा जाता है। इस तकनीक ने कई देशों के कई सेक्टर की स्थिति में सुधार ला दिया है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें सभी तरह के वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड एक साथ रखा जाता है।
वैधता पर सवाल
नेपाल, बांग्लादेश और कजाकिस्तान जैसे देशों में बिटकॉइन को अवैध माना जाता है। इसके द्वारा किए गए भुगतान पूरी तरह से अवैध है। इन कंपनियों में स्वीकार है बिटकॉइन माइक्रोसॉफ्ट , डेल, ट्रेवल कंपनी एक्सपीडिया, इ-टेलर कंपनी ओवरस्टॉक.कॉम जैसी कंपनियों में बिटकॉइन के जरिए भुगतान स्वीकार्य हैं।
नेपाल, बांग्लादेश और कजाकिस्तान जैसे देशों में बिटकॉइन को अवैध माना जाता है। इसके द्वारा किए गए भुगतान पूरी तरह से अवैध है। इन कंपनियों में स्वीकार है बिटकॉइन माइक्रोसॉफ्ट , डेल, ट्रेवल कंपनी एक्सपीडिया, इ-टेलर कंपनी ओवरस्टॉक.कॉम जैसी कंपनियों में बिटकॉइन के जरिए भुगतान स्वीकार्य हैं।