5 राज्यों समेत लोकसभा 2019 में बीजेपी की जीत से शेयर बाजार में आएगी जोरदार तेजीः रिपोर्ट
कार्वी स्टाॅक ब्रोकरेज फर्म की एक रिपोर्ट की मानें तो आगामी चुनावों के नतीजों से काफी हद तक शेयर बाजार की चाल तय होगी। 5 राज्यों में चुनाव के नतीजे शेयर बाजार के लिए एक बैरोमीटर की तरह होंगे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।

नई दिल्ली। आमतौर पर भारतीय शेयर बाजार वैश्विक व घरेलू बाजार से प्रभावित होता है। लेकिन अब इसकी नजर 5 राज्यों समेत आगामी लोकसभा चुनाव पर भी है। कार्वी स्टाॅक ब्रोकरेज फर्म की एक रिपोर्ट की मानें तो आगामी चुनावों के नतीजों से काफी हद तक शेयर बाजार की चाल तय होगी। 5 राज्यों में चुनाव के नतीजे शेयर बाजार के लिए एक बैरोमीटर की तरह होंगे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।
एनडीए की सरकर बनी तो शेयर बाजार को होगा फायदा
हालांकि शुरुआती दौर के ओपिनियन पोल में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए एक बार फिर से सत्ता की गद्दी पर काबिज होते हुए दिखाई दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 2014 की तुलना में आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को भले ही कम सीट मिले, लेकिन इससे शेयर बाजार पर साकारात्मक असर पड़ेगा। कार्वी के अनुमान के अनुसार यदि भाजपा 50 फीसदी से अधिक सीट जीतने में कामयाब होती है तो 2019 के अंत तक सेंसेक्स 45,000 व निफ्टी 14,000 के जादुई आंकड़े को पार कर सकता है।
क्या है जानकारों का कहना
वहीं, दूसरी तरफ यदि भाजपा हार जाती है और गठबंधन की सरकार बनती है तो इसके बाद 30 शेयरों वाला बीएसई का प्रमुख इंडेक्स यानी सेंसेक्स 30,000 के स्तर अस्थिर होगा जबकि 50 शेयरों वाला एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 9,000 के स्तर पर कारोबार करेगा। ध्यान देने वाली बात है कि दोनों इंडेक्स चुनाव के ठीक बाद धराशायी हो सकते हैं। पत्रिका बिजनेस से खास बातचीत में मार्केट एनलिस्ट अम्ब्रिश बालिगा ने बताया कि अगर फिर से मोदी सरकार सत्ता की गद्दी पर बैठती है तो निश्चित ही बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। लेकिन यह तेजी साल 2014 की तुलना में कम होगी। दरअसल, सरकार के मौजूदा कार्यकाल को निवेशक कर्इ मापदंडो पर तोलेंगे जिसके बाद ही वे बाजार में निवेश करेंगे।
चुनावी बिगुल से अगली तिमाहियों में बाजार पर पड़ेगा असर
इस घरेलू फर्म ने आॅटोमोटिव, कैपिटल गुड्स, वित्तीय, आईटी व हेल्थकेयर सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगा रही है। हाल ही हुए वित्तीय सेक्टर में उठापटक को देखकर निराशावादी होना आसान है। बीते छह माह में मैक्रो सेक्टर की स्थिति भी लगातार खराब रही है। हालांकि, कुल आउटलुक पर नजर डालें तो बाजार के लिए आशावाद की स्थिति बनते हुए दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ में चुनाव की बिगुल बजने के साथ शेयर बाजार के लिए अगले कई तिमाहियों में चुनाव केंद्र में बना रहेगा। निवेशक इन चुनावों पर पैनी नजर बनाए हुए रहेंगे क्योंकि इससे उन्हें आम लोगों की मनोस्थिति का अंदाजा लगाना आसान होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में चुनाव खत्म हो चुका है, मध्य प्रदेश व मिजोर में 28 नवंबर को वोटिंग होनी है जबकि राजस्थान व तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी।
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