गिरावट आने की आशंका: रिपोर्ट में कहा गया कि ग्रोथ व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में रिवाइवल से अधिक की उम्मीद जगाते हैं। कोरोना वायरस महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है।
11% ग्रोथ का अनुमान-
पिछले दिनों संसद में प्रस्तुत वार्षिक आर्थिक समीक्षा में 2021-22 में ग्रोथ रेट 11 फीसदी पर पहुंच जाने की उम्मीद व्यक्त की गई है। बजट में भी वास्तविक जीडीपी में 10 से 10.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया गया है।
आइएमएफ ने भी तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बताया –
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने उत्पादन में 11.5 फीसदी की ग्रोथ, आर्थिक सर्वेक्षण ने 11 फीसदी की आर्थिक वृद्धि और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 10.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया है। सभी अनुमान देश की अर्थव्यवस्था में बेहतर सुधार की बात करते हैं। ऐसे में यह वित्त वर्ष पुनर्निर्माण वाला रहने वाला है। आइएमएफ ने 2022-23 में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इस तरह भारत पुन: सबसे तेज गति से ग्रोथ करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। देश आने वाले वित्त वर्ष में मजबूत और टिकाऊ ग्रोथ की राह पर लौट आएगा।