जयपुरPublished: Jul 21, 2023 04:31:47 pm
Narendra Singh Solanki
वैश्विक माहौल में उथल-पुथल के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने काफी सहजता से लचकता और समय के अनुसार ढलने की क्षमता को प्रदर्शित किया।
वैश्विक माहौल में उथल-पुथल के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने काफी सहजता से लचकता और समय के अनुसार ढलने की क्षमता को प्रदर्शित किया। बढ़ती निवेश गतिविधि, बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट, सेवा क्षेत्र में फिर से प्रतिस्पर्धात्मकता और डिजिटल क्रांति के कारण अर्थव्यवस्था की विकास गति में लगातार वृद्धि देखी गई। बंधन एएमसी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट,इक्विटी सुमित अग्रवाल का कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वित्तीय सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित है। यह क्षेत्र पूंजी के कुशल आवंटन और मोबिलाइजेशन के लिए प्रेरक के रूप में कार्य करता है, जो अर्थव्यवस्था की समग्र वित्तीय स्थिरता में योगदान देता है। बीते कुछ वर्षों में वित्तीय सेवा क्षेत्र का काफी तेजी से विस्तार हुआ है, क्योंकि इसमें न केवल पारंपरिक बैंकिंग शामिल है, बल्कि पूंजी बाजार, बीमा, फिनटेक, एनबीएफसी और बैंकों में विविधता है।