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अमरीका को लगातार दूसरा झटका देगा भारत, र्इरान से जारी रहेगा तेल आयात

locationनई दिल्लीPublished: Oct 06, 2018 09:39:35 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

आर्इआेसीएल आैर मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड की आेर से नवंबर में ईरान से तेल के आयात को लेकर 1.25 मिलियन टन की डील फाइनल की है।

Crude oil

अमरीका लगातार दूसरा झटका देगा भारत, र्इरान से तेल लेना जारी रखेगा भारत

नर्इ दिल्ली। भारत आैर रूस की एस-400 अमरीका अभी तक हजम तक नहीं कर पाया है कि अब भारत ने अमरीका दूसरा झटका देने की तैयारी कर दी है। यह झटका रूस की डील से भी बड़ा होगा। भारत की आॅयल कंपनियों की आेर र्इरान से तेल आयात के लिए एक डील की है। इस डील की खास बात यह होगी कि भारत डाॅलर में नहीं बल्कि रुपए में सारी पेमेंट अदा करेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत की आेर से किस तरह की डील की जा रही है।

1.25 मिलियन टन की आॅयल डील
प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्इआेसीएल आैर मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड की आेर से नवंबर में ईरान से तेल के आयात को लेकर 1.25 मिलियन टन की डील फाइनल की है। ताज्जुब की बात तो ये है कि नवंबर में ही ईरान के ऑयल सेक्टर के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंध लागू होने जा रहे हैं। मतलब साफ है कि र्इरान की आॅयल की डील भारत की आेर से अमरीका को लगातार दूसरा झटका होगा। इससे पहले रूस के साथ s-400 डील करने बाद भारत को बड़ा झटका दे चुका है।

र्इरान से हर महीने इतना तेल खरीद रहा भारत
जानकारों की मानें तो भारत अमरीकी प्रतिबंधों के बाद भी कम ही सही र्इरान से तेल आयात जारी रखना चाह रहा है। आंकड़ों की मानें तो आर्इआेसी ईरान से हर महीने सामान्य मात्रा में तेल खरीद रहा है। वित्त वर्ष 2018-19 में 9 मिलियन टन्स ईरानी तेल आयात करने की योजना है। यानी आर्इआेसी एक महीने में 0.75 मिलियन टन तेल र्इरान से खरीद रहा है। आपको बता दें कि पिछले महीने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि वॉशिंगटन प्रतिबंध पर छूट को लेकर विचार करेगा, लेकिन इसकी समयसीमा भी तय होगी।

एेसे होगा रुपए में पेमेंट
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईरान कभी-कभी जो तेल बेचता है उसका पेमेंट रुपए में लेता है। जिससे वो दवाएं और दूसरे सामान आयात करता है। अगले कुछ हफ्तों में पेमेंट को लेकर सारी बातें सामने आ जाएंगी। जानकारों की मानें तो सरकारी ऑइल रिफाइनर्स यूको बैंक या आर्इडीबीआर्इ बैंक के माध्यम से ईरान को तेल का भुगतान कर सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि जब भारत र्इरान से रुपए में तेल खरीदेगा तो अमरीका का किस तरह का रुख रहेगा।

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