इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने बताया कि जीडीपी डेटा की दिशा पॉजिटिव है
नई दिल्ली। सीएसओ के डेटा के मुताबिक, फाइनैंशल इयर 2016 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 पर्सेंट रह सकती है। मालूम हो कि यह 2015 में 7.2 पर्सेंट थी। दिसंबर क्वॉर्टर में ग्रोथ 7.3 पर्सेंट रही, जबकि मार्च क्वॉर्टर की ग्रोथ को संशोधित करके बढ़ाया गया है। इसलिए 2016 में आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है।
मार्च क्वॉर्टर की ग्रोथ को संशोधित करके 7 पर्सेंट से 7.6 पर्सेंट कर दिया गया है। वहीं, सितंबर तिमाही की ग्रोथ पहले 7.4 पर्सेंट बताई गई थी, जिसे अब 7.6 पर्सेंट किया गया है। सरकार का कहना है कि शुरुआती अनुमानों में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जोरदार बढ़ोतरी को शामिल नहीं किया गया था।
इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने बताया कि जीडीपी डेटा की दिशा पॉजिटिव है। सरकार ने पिछले डेढ़ साल में जो नई नीतियां बनाई हैं और रिफॉर्म किए हैं, उनका फायदा अब अर्थव्यवस्था को मिल रहा है।
चीफ सांख्यिक टीसीए अनंत ने कहा कि अगर आप मैन्युफैक्चरिंग को देखें तो यह आईआईपी और कॉरपोरेट परफॉर्मेंस का आइना है। कॉरपोरेट परफॉर्मेंस में सेल्स और इंटरमीडिएट एक्सपेंस में नेगेटिव ग्रोथ दिख रही है, लेकिन डेप्रिसिएशन और स्टाफ कॉस्ट में ग्रोथ पॉजिटिव है। इसलिए ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) पॉजिटिव है, जबकि इसका बाकी का हिस्सा आईआईपी के मुताबिक है।
वहीं, जेपी मॉर्गन ने 2015-16 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान को 7.4 पर्सेंट से घटाकर 7.2 पर्सेंट कर दिया है। एग्रीकल्चर प्रॉडक्शन में कमी, तमिलनाडु में बाढ़ और डिसइनवेस्टमेंट में देरी के चलते उसने ग्रोथ के अनुमान को घटाया है
फिक्की ने स्टेटमेंट में कहा कि हम आगे रिफॉर्म जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि बजट से इकनॉमी को पॉजिटिव डायरेक्शन मिलेगा। गौरतलब है कि दिसंबर क्वॉर्टर में चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.8 पर्सेंट थी और भारत 7.3 पर्सेंट के साथ उससे काफी आगे निकल गया है।