पेट्रोल के दाम कम करने का नया फार्मूला
मोदी सरकार की ये रणनीती भारत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि भारत कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पाद सिर्फ अमरीकी डॉलर के बदले ही खरीदा जा सकता हैं। ऐसे में कच्चे तेल के लिए सिर्फ अमेरिकी डॉलर में पेमेंट करना भारत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो रहा है। विदेशी पूंजी भंडार घट रहा है और रुपया कमजोर हो रहा है। इससे देश में महंगाई बढ़ने की खतरा बढ़ गया है।
अधिकारियों में हो चुकी है वार्ता
इस भुगतान प्रणाली को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच ईरान मे बहुत समय से वार्ता हो रही है। तुर्की इसी तरीके से कच्चे तेल का भुगतान ईरान को करता है।