नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने अपनी 22वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिएं है। रिटर्न दाखिल करने मे समय मे बदलाव, कंपोजिशन स्कीम से लेकर निर्यातकों को रिफंड दिए जाने के तरीके में सुधार जैसे फैसले लिए गए। साथ ही कुछ चीजों में टैक्स में भी बदलाव किया गया है। कुल 22 वस्तुओं और 5 सेवाओं पर लगने वाले टैक्स मे कटौती की गई है। एक तरफ इस कटौती से सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं को फायदा मिलने वाला है तो वहीं दूसरी तरफ लघु और मध्यम करोबारियों को जीएसटी काउंसिल के इस बैठक से बहुत फायदा मिला है। आइए इस बैठक में लिए गए कुछ अहम फैसले पर नजर डालते हैं।
1. बच्चों के खाने-पीने के डब्बे बंद वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। टैक्स स्लैब मे इस बदलाव से आम लोगों को काफी फायदा पहुंचने वाला है। साथ ही आम पापड़, खाकरा, चपाती पर भी टैक्स मे 7 फीसदी की कटौती कर 5 फीसदी कर दिया गया है।
2. स्टेशनरी के सामान जैसे ज्योमेट्री बॉक्स आदि पर लागू 28 फीसदी को कम करके 18 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में रखा गया है। साथ ही अनबै्रंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी जीएसटी दर को 5 फीसदी कर दिया गया है। इसके पहले ये 12 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में था।
3. अनब्रैंडेड नमकीन पर भी जीएसटी की दर को 5 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही हाथ से बने धागों पर भी 18 फीसदी के टैक्स स्लैब में बदलाव करके इसे 12 फीसदी कर दिया गया है।
4. इस बैठक मे किसानों को भी राहत देने की कोशिश की गई है। डीजल इजन और पानी के इंजन के पुर्जो पर टैक्स रेट को 28 फीसदी से कम करके 18 फीसदी कर दिया गया है।
5. निर्माण उद्योग मे काम आने वाले पत्थर कोटा स्टोन आदि चीजों को पर अब आपको 18 फीसदी टैक्स देना होगा। इसमें ग्रेनाइट को बाहर रखा गया है। ग्रेनाइट पर पहले की तरह ही 28 फीसदी टैक्स रखा गया है।
6. वो सर्विस प्रदाता जिनका सलाना टर्नओवर 20 लाख से कम है, उन्हे इंटरस्टेट सर्विस टैक्स से हटाया गया है। वहीं पेपर वेस्ट रबर वेस्ट, और ई-कचरे पर टैक्स अब 12 फीसदी की जगह केवल 5 फीसदी ही टैक्स देना होगा।
7. सर्विस सेक्टर में जॉब वर्क 5 फीसदी के दायरे मे कर दिया गया है। इसके साथ ही जरी के काम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा।