मंदिर और घरों में पड़ा है इतना सोना पत्रिका बिजनेस को केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया ने बताया कि भारत में लोग आज भी सोने को निवेश से ज्यादा इमोशन के लिए खरीदते हैं। यही वजह है कि देश लोगों के घरों में करीब 20,000 टन सोना पड़ा हुआ है। वहीं मंदिरों की बात करें तो देश के अलग अलग मंदिरों में करीब 3500 से 4,000 टन सोना मौजूद है। अगर देश के मंदिरों और घरों में पड़े सोने का सरकार सही ढंग से इस्तेमाल करें तो देश की बड़ी चिंता खत्म हो सकती है।
सोने को आयात करने की जरुरत क्यों सरकारी आकड़ों के मुताबिक देश में सोने का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। अकेले साल 2011 में 1,005 टन सोने का आयात किया गया था। हालांकि जनवरी 2013 में जब सरकार ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को 6 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था, उसके बाद आकड़ों में थोड़ी कमी दर्ज की गई। लेकिन अभी भी सोने का आयात सरकार की मुश्किलें कम नहीं कर पा रहा है। मुद्दा यह है कि आखिर जब देश में पहले ही इतना सोना पड़ा है तो फिर आयात करने की जरुरत क्यों है। बाजार के जानकार मानते हैं कि अगर देश के सोने का इस्तेमाल सही तरीके होने लगे तो न केवल आयात रुक जाएगा। बल्कि सोने की तस्करी पर भी लगाम लग सकेगी।
देश में 50 फीसदी सोना तस्करी का आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश में जितना सोना पड़ा है उसका एक बड़ा हिस्सा तस्करी का है। केडिया कमोडिटी के अजय केडिया के मुताबिक देश में पड़े कुल सोने में 50 फीसदी हिस्सा तस्करी का है। केडिया के मुताबिक सरकार ने कई गोल्ड मोनेटाइजेशन समेत कई ऐसी स्कीम चलाई है जिससे इस क्षेत्र में पार्दर्शिता बढ़ सकें। लेकिन सरकार की ये स्कीम बढ़ते व्यापार घाटे को रोकने के लिए नाकाफी है।