निजता और लंबी लाइनों में लगना सबसे बड़ी समस्या
लोगों में अपने आधार और मोबाइल नंबर को लिंक करने को लेकर दो दुविधा है, निजता और असुविधा। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस बात ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि , मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने के लिए सरकार फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की व्याख्या जानबूझकर कर रही हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि ज्यादातर लोग आधार बनाते समय ही सरकार को अपना मोबाइल नंबर पहले से ही बता चुके हैं। ऐसे मे सरकार बस आपको आधार को मोाबाइल नंबर से वेरिफाई करने की कोशिश कर रही है। इससे ये बात साफ हो जाएगा कि कहींं आपका मोबाइल नंबर किसी फर्जी आईडी पर तो नहीं चल रहा।
आपके डॉक्यूमेंट्स के गलत इस्तेमाल को रोकना होगा आसान
इंडियन टेलिग्राफ एक्ट के तहत टेलिकॉम ऑपरेटर को आपको सिम कार्ड इश्यू करते वक्त पासपोर्ट, वोटर आईडी या पैन कार्ड जैसी आइडेंटिटी प्रुफ का सत्यापन करना होता हैं। ऐसें मे कई बार दुकानदार आपके डॉक्यमेंट्स का गलत इस्तेमाल करके दूसरे लोगों को भी सिम कार्ड एलॉट कर देते हैं। आपको पता भी नहीं होता कि आपके आईडेंटिटी पर दूसरे लोग भी अपना नंबर चला रहे होते हैं। डरावनी बात तो ये है कि आपके डॉक्यूमेंंट्स पर इश्यू किए गए नंबर का कौन इस्तेमाल कर रहा है ये भी आपको नहीं पता होता है, यदि वो कोई अपराध करता है तो ऐसे में पुलिस आपके घर पहुंचेंगी। यदि आपका नंबर आधार से बायोमेट्रिक ऑथेंटिके ट हो जाता है तो दूसरे लोग आपके आधार का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। यदि कोई दूसर व्यक्ति आपके आईडी पर अपना नंबर चला रहा तो री-वेरिफिकेशन के बाद वों कनेक्शन बंद हो जाएगा।
इसको लेकर दूसरी सबसेे बड़ी समस्या ये है कि, लिंक करने के लिए लोगों को घंटो लाइन में लगना पड़ रहा हैं। लेकिन सरकार ने इसका भी समाधान निकाल लिया है। अब आप ओटीपी के जरिए भी आपके आधार को मोबालइ नंबर से लिंक कर सकते हैं।