इन कंपनियों को हुआ इतने का नुकसान
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 22,533.65 करोड़ रुपए से घटकर 5,77,751.85 करोड़ रुपए हो गया. आेएनजीसी के मार्केट कैप में 2704.90 रुपए की कमी आर्इ, जिसके बाद आेएनजीसी का कुल मार्केट कैप 2,30,549.07 करोड़ पर आ गया. एसबीआइ की बात करें तो इसकी मार्केट कैप 8,114.13 करोड़ रुपए घटकर 2,18,520.44 करोड़ हो गर्इ. मारुति सुजूकी का भी मार्केट कैप 6,393.52 करोड़ रुपए लुढ़ककर 2,61,735.76 करोड़ रुपए, एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 6,367.69 करोड़ रुपए फिसलकर 4,80,675.75 करोड़, एचयूएल का मार्केट कैप 5,419.33 करोड़ रुपए लुढ़ककर 2,81,514.77 करोड़ रुपए आैर आर्इटीसी का मार्केट कैप 5,122.88 करोड़ रुपए गिरकर 3,16,398.74 करोड़ रुपए हो गया. वहीं टीसीएस का मार्केट कैप भी 497.71 करोड़ रुपए घटकर 5,80,890 करोड़ रुपए हो गया.
इंफोसिस आैर एचडीएफसी को फायदा
जिन कंपनियों पर इसका असर नहीं पड़ा उनमें सिर्फ दो कंपनियां ही शामिल है, इंफोसिस आैर एचडीएफसी बैंक. एचडीएफसी का मार्केट कैप 959.68 करोड़ रुपए चढ़कर 3,00,882.84 करोड़ रुपए आैर इंफोसिस का मोर्केट कैप 688.13 करोड़ रुपए बढ़कर 2,54,099.85 कराेड़ रुपए रहा.
ये रहा शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण
बीते सप्ताह में कमजोर वैश्विक संकेतो के बाद शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गर्इ. भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में रोज हो रहे नए-नए घोटालों के खुलासे के कारण इस क्षेत्र की सेहत को लेकर छाई चिंता का प्रमुख योगदान रहा. पिछले महीने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 12,600 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसका मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर है. ट्रंप ने 2 मार्च को कहा था कि वे स्टील पर 25 फीसदी आयात शुल्क और अल्युमिनियम पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाएंगे, ताकि अमेरिकी उत्पादकों की सुरक्षा हो सके. निवेशकों को आशंका है कि ऐसी ही नीतियां दूसरे देश भी लागू कर सकते हैं, जिससे मुक्त कारोबार को बड़ा झटका लगेगा.