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39 कंपनियों के लिए बुरे सपने जैसा रहा साल 2018, कुल बाजार पूंजीकरण में आर्इ बड़ी गिरावट

locationनई दिल्लीPublished: Jan 01, 2019 02:43:35 pm

Submitted by:

Dimple Alawadhi

साल 2018 में बिलियन डॉलर क्लब का आकार 15 फीसदी कम हो गया है क्योंकि महज एक साल में इस क्लब से कई कंपनियां बाहर हो गई हैं। बाजार में गिरावट के चलते बिलियन डॉलर क्लब की सूचि से 39 कंपनियां बाहर हुई हैं।

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39 कंपनियों के लिए बुरे सपने जैसा रहा साल 2018, कुल बाजार पूंजीकरण में आर्इ बड़ी गिरावट

नई दिल्ली। ‘बिलियन डॉलर क्लब’ में वो कंपनियां आती हैं, जिनका मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) 7,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो। साल 2018 में बिलियन डॉलर क्लब का आकार 15 फीसदी कम हो गया है क्योंकि महज एक साल में इस क्लब से कई कंपनियां बाहर हो गई हैं। बाजार में गिरावट के चलते बिलियन डॉलर क्लब की सूचि से 39 कंपनियां बाहर हुई हैं। साल 2011 के बाद यह साल मिडकैप कंपनियों के लिए सबसे खराब रहा है।


कुल 228 कंपनियां शामिल हैं’ बिलियन डॉलर क्लब’ में

बीएसई (BSE) से मिली जानकारी के अनुसार, अभी 228 कंपनियों का मार्केटकैप 7,000 करोड़ रुपए से अधिक है, यानी कुल 228 कंपनियां ‘बिलियन डॉलर क्लब’में शामिल हैं। इस साल कई मिडकैप कंपनियों के शेयर 90 फीसदी लुढ़के हैं। इसके चलते ये कंपनियां स्मॉलकैप श्रेणी का हिस्सा बन चुकी हैं। इस साल कंपनी का मार्केट कैप 91 फीसदी घटा है। वहीं बात अगर पिछले सालों की करें तो बीएसई के अनुसार साल 2017 के अंत में ऐसी कंपनियों की संख्या 267 थी और साल 2016 के अंत तक ऐसी कंपनियों की संख्या 195 थी। इस सूची में कम से कम आठ साल पुरानी कंपनियों को जगह दी गई है।


इन कंपनियों का इतना घटा मार्केटकैप

 

रिलायंस कैपिटल: अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल का मार्केटकैप 80 फीसदी घटा है। आईसीआईसीआई (ICICI) सिक्योरिटीज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का मार्केटकैप 8,000 करोड़ रुपए घट गया। इससे पहले कंपनी का मार्केटकैप 14,600 करोड़ रुपए था। साल 2018 में मार्केटकैप घटकर 5,500 करोड़ रुपए पर आ गया है। इस वजह से ब्रोकरेज फर्म ने इसका टार्गेट प्राइस 280 रुपए से घटाकर 233 रुपए कर दिया है।


जेट एयरवेज: इस सूची में जेट एयरवेज का भी नाम शामिल है, जिसकी मार्केटवैल्यू 70 फीसदी तक साफ हो गई थी। कच्चे तेल का दबाव लगातार तीन तिमाही तक कंपनी पर हावी रहा। एसबीआई (SBI) ने कंपनी के फॉरेन्सिक ऑडिट का आदेश दिया था।


अन्य कंपनियां: जेट एयरवेज के बाद इस सूची में रेन इंडस्ट्रीज, सन फार्मा एडवान्स्ड रिसर्च कंपनी, केआरबीएल, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट और अवंती फीड्स शामिल हैं, जिनकी वैल्यू साल 2018 में 70 फीसदी तक साफ हो गई। साल 2017 के अंत तक इन सभी कंपनियों का मार्केटकैप 7,000 करोड़ रुपए से अधिक था।


तमाम कंपनियों का मार्केटकैप 143.17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा

जनवरी 2018 में मिडकैप इंडेक्स 60 फीसदी के प्रीमियम पर कारोबार कर रहा था, मगर अब साल के अंत में प्रीमियम सिर्फ 10 फीसदी ही रह गया है। हालांकि इस सेक्टर में बढ़िया अवसर बनते हुए नजर आ रहे हैं। विश्लेषकों की मानें को मार्केटकैप के गिरावट के लिए शेयरों का भारी प्रीमियम जिम्मेदार है। बीएसई पर सूचीबद्ध तमाम कंपनियों का मार्केटकैप 8.56 लाख करोड़ रुपए फिसल कर 143.17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। दिसंबर 2017 में यह 151.73 लाख करोड़ रुपए था। इस साल सेंसेक्स ने 5.3 फीसदी की तेजी दिखाई है।

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