इन कारकों से होगा असर वैश्विक निवेश बैंक मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि भारतीय
शेयर बाजार अभी बढ़ती ब्याज दरें, कच्चे तेल की अधिक कीमतें, चुनावी साल तथा मंझौली कंपनियों के बढ़ते मूल्यांकन से जूझ रही हैं। बैंक की तरफ से कहा गया कि बड़ी कंपनियों के सूचकांक को सुधरते वृद्धि चक्र, मजबूत वृहद आर्थिक गतिविधियों तथा शेयरों की स्थानीय खरीद से समर्थन मिल रहा है। जिस कारण शेयर बाजार का मूड लगातार बदलता दिख रहा है। ऐसे में चुनावी नजीते बाजार को एक नई गति दे सकते हैं।
पूर्ण बहुमत से बदलेगी किस्मत मार्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर चुनाव के नतीजों में मजबूती दिखती है तो बाजार में भी जोरदार उछाल देखने को मिलेगा। दरअसल बाजार में पूर्ण बहुमत की सरकार में ही भरोसा करती है। बीते कई चुनावों में देखा गया है कि देश में जब भी गठबंधन की सरकार बनी है तो शेयर बाजार में उथल पुथल मचा है। वही जब देश को पूर्ण बहुमत वाली सरकार मिली है तो बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।
मजबूती नहीं तो बाजार धड़ाम मार्गन स्टैनली की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर चुनाव के नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है और गठबंधन वाली सरकार बनती है तो बाजार पर इसका नकारात्मक असर होगा। जिसके चलते जून 2019 तक 36 हजार अंक के आस-पास रह सकता है। इस स्थिति में आय वृद्धि वित्तवर्ष 2017-18 में पांच प्रतिशत, 2018-19 में 23 प्रतिशत और 2019-2020 में 24 प्रतिशत रह सकती है। परिणाम मजबूत रहने की स्थिति की संभावना 30 प्रतिशत है और इस स्थिति में जून 2019 तक सेंसेक्स 44 हजार अंक के स्तर को छू सकता है।